जल्द होने जा रहे लालकुआं नगर पंचायत चुनाव मैं किसकी दावेदारी में कितना होगा दम, कौन बनेगा बादशाह.. कौन है पानी कम
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लालकुआं। में आगामी 2023 में नगर पंचायत चुनाव होने वाले हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे- वैसे नैनीताल जिले की प्रतिष्ठित लालकुआं नगर पंचायत सीट पर राजनैतिक गतिविधियां तेज होती जा रही हैं।
लालकुआं नगर पंचायत में चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ने वाले संभावित प्रत्याशी लोगों के बीच पहुंचने लगे हैं आगामी नवंबर माह में राज्य के सभी नगर निकायों में अध्यक्ष पद के अलावा वार्ड पार्षदों का चुनाव होना है जिसको लेकर सरकारी तैयारियां चल रही है।
पिछले साढ़े 4 साल से कोपभवन में रहने वाले तमाम नेता अब जनता के हिमायती होने का दम्भ भरते हुए उनके दुख-दर्द में सक्रिय होकर भागीदारी करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
नगर निकायों चुनाव को अब कुछ ही समय बचा है ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने अपनी-अपनी सीटों से अपने-अपने तरीकों से दावेदारी भी पेश करना शुरू कर दी है। उत्तराखंड के नैनीताल जिले की प्रतिष्ठित लालकुआं नगर पंचायत सीट की बात करें तो यहां से अध्यक्ष बनने के लिए इनदिनों तमाम नेताओं में एक होड़ सी लगी हुई है।
सबसे पहले भाजपा की बात करें तो इस सीट पर पार्टी के आधा दर्जन से अधिक दावेदार चुनावी मैदान में ताल ठोकते दिखाई दे रहे हैं।
जिनमें इधर भाजपा से धन सिंह बिष्ट, हेमन्त नरूला, बॉबी संभल , प्रेमनाथ पाडिंत , दीवान सिंह बिष्ट सहित नारायण सिंह बिष्ट के नाम चल रहे है ये सभी लोग लोगों से संपर्क कर अपनी दावेदारी पेश कर रहे है।
वहीं कांग्रेस की ओर से वर्तमान चैयरमेन लालचन्द्र सिंह, पूर्व चेयरमैन रामबाबू मिश्रा, युवा नेता भुवन पांडे, सहित अन्य के नाम शामिल है।
इसके अलावा बात की जाए चुनाव में सबसे मजबूत प्रत्याशी की जिसमें निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व चेयरमैन पवन चौहान का नाम सबसे ऊपर है जो इस चुनाव में सबसे मजबूत प्रत्याशी देखे जा रहे हैं जिन्हें जनता का भरपूर समर्थन मिलता दिख रहा है।
अगर बात की जाए तो भाजपा के कद्दावर नेता रहे व पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष पवन चौहान की लालकुआं की पूरी विधानसभा क्षेत्र में बेहद मजबूत पकड़ है। लालकुआं विधानसभा क्षेत्र की एकमात्र नगर पंचायत के अध्यक्ष पद पर रहते हुए उनके तथा उनकी पत्नी के द्वारा क्षेत्र के विकास के लिए किए गए कार्यों की वजह से आमजनता ने उन्हें विधानसभा चुनाव में विधायक बनाने के लिए दिन-रात एक कर दिया था। भले ही वह विधानसभा चुनाव न जीत सके लेकिन उनको जनता से मिला प्यार यह साफ-साफ बताने के लिए काफी था कि वह लालकुआं नगर पंचायत में कितने मजबूत दावेदार हैं।
कयास तो यहां तक भी लगाए जा रहे हैं कि उनकी क्षेत्र में लोकप्रिय छवि वह पूर्व में किए गए विकास कार्यों को देखते हुए भाजपा पुनः उन्हें अपना प्रत्याशी बना सकती है।
वहीं दुबरा सीट आरक्षित होती है तो वर्तमान चैयरमेन लालचन्द्र सिंह और भाजपा के पुर्व प्रत्याशी अरूण कुमार बाल्मिकी के साथ साथ निर्दलीय प्रत्याशी प्रेस मीडिया कर्मी मुकेश कुमार , पुर्व प्रत्याशी नेतराम तथा उदयवीर सिंह भी मैदान में दिखाई देंगे ।
इसके अलावा सीट ओबीसी होती है तो भाजपा नेता सर्दवन चौधरी, सरदार गुरदीप सिंह, फिरोज खान सहित अन्य कई उम्मीदवार मैदान में होंगे।
वहीं बात महिला सीट की करें तो भाजपा सभासद राजलक्ष्मी पंडित, बीना परवीन, तारा पांडे, मीना रावत चुनावी रण में होगी।
बात की जाए अन्य मजबूत दावेदारों की तो उनमें युवाओं के बीच लोकप्रिय भाजपा नेता बॉबी संबल का नाम भी आता है जो की नगर पंचायत लालकुआं पर विकास कार्यों में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए तहसील परिसर पर धरने तक मैं बैठ गए थे।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वह पूर्व में नगर पंचायत अध्यक्ष रहे रामबाबू मिश्रा भी अपने सरल वह सौम्य स्वभाव के साथ-साथ अपने कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों के लिए क्षेत्र के हर वर्ग हर समुदाय के बीच विख्यात है। उनकी यही छवि उन्हें एक मजबूत दावेदार के रूप में पेश करती है, जो निश्चित ही उनके विपक्षियों के माथे पर बल लाने के लिए काफी है।
इसी कड़ी में प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल लालकुआं के अध्यक्ष दीवान सिंह बिष्ट उर्फ दानी का नाम भी शुमार होता है जो काफी लंबे समय से क्षेत्र में अपने द्वारा किए जा रहे विकासशील वह सामाजिक कार्यों के लिए क्षेत्र के हर वर्ग में अपनी पेठ बनाते दिखते हैं। कोरोना काल के समय उनके द्वारा गरीबों को राशन वितरित करना हो या किसी भी कोरोना पीड़ित को अस्पताल तक पहुंचाना वह इलाज मुहिया करने तक का जिम्मा उठाया, जिस वजह से उन्हें जनपद पुलिस द्वारा कोरोना वॉरियर्स का सम्मान भी मिला।
उम्मीद की जा रही है कि इस बार विकास को लेकर चुनाव बड़ा मुद्दा बन कर उभरेगा लालकुआं में अनेक समस्याएं हैं जो अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई है. बिजली-सड़क-पानी और नाली यह कोई बड़ा विकास नहीं होता लेकिन आने वाले चुनाव के संभावित प्रत्याशी अपना मेनिफेस्टो में नगर के लिए क्या योजना ला रहे हैं इसको भी इस बार मतदाताओं के सामने रखना सबसे बड़ी चुनौती होगा। साथ ही और अनेक ऐसी ज्वलंत समस्याएं हैं जो अभी तक नगर पंचायत रहते पूरी नहीं हुई है, इसलिए इस बार मतदाताओं को यह समझाना कि अध्यक्ष बनते ही उन रुके हुए विकास के मुद्दों को पूरा किया जाएगा जिसकी वह कई वर्षों से आस लगाए बैठे हैं वह जरूरी होगा।