रुद्रपुर (सिडकुल): सिडकुल स्थित एक कंपनी में तैनात सुरक्षाकर्मी पिंटू राठौर (37) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने कंपनी पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कंपनी गेट पर शव के साथ चार घंटे तक जमकर हंगामा किया।
💔 लापरवाही और मौत का आरोप
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मृतक: पिंटू राठौर (37), मूल निवासी रामपुर (वर्तमान में ट्रांजिट कैंप, रुद्रपुर)।
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घटना: पिंटू सिडकुल की एक कंपनी में सुरक्षा गार्ड थे। परिजनों के अनुसार, 10 दिसंबर को ड्यूटी के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई।
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लापरवाही का आरोप: परिजनों का आरोप है कि फैक्ट्री कर्मचारियों ने उन्हें तुरंत जिला अस्पताल नहीं पहुँचाया और वह आधे घंटे तक कंपनी में ही तड़पते रहे।
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इलाज: पिंटू के भांजे ने जानकारी मिलने पर उन्हें जिला अस्पताल पहुँचाया, जहाँ से उन्हें हल्द्वानी रेफर किया गया। परिजन उन्हें रुद्रपुर के एक निजी अस्पताल और फिर बरेली ले गए, जहाँ गुरुवार को डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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आर्थिक तंगी: परिजनों ने बताया कि उनके पास शव को बरेली से रुद्रपुर वापस लाने तक के पैसे नहीं थे और उन्होंने किसी तरह चंदा करके शव को वापस लाया।
🗣️ विधायक की मध्यस्थता और कार्रवाई
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शुक्रवार को परिजन शव लेकर कंपनी गेट पहुँचे और हंगामा शुरू कर दिया।
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सूचना मिलते ही विधायक शिव अरोरा मौके पर पहुँचे और कंपनी प्रबंधक से परिजनों को मुआवजा देने की मांग की।
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कंपनी प्रबंधक द्वारा मुआवजा देने से इनकार करने पर विधायक ने सिडकुल चौकी को मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए और स्वयं आर्थिक सहायता भी दिलाई।
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पुलिस कार्रवाई: थानाध्यक्ष पंतनगर नंदन सिंह रावत ने बताया कि पुलिस ने कंपनी के प्लांट हेड को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
👨👩👧👦 पीछे छूटा परिवार
मृतक पिंटू राठौर अपने पीछे दिव्यांग पत्नी, एक चार वर्षीय बेटी और एक तीन वर्षीय पुत्र को छोड़ गए हैं।
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