रामनगर: राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के आह्वान पर सोमवार से प्रदेशभर के सरकारी हाईस्कूलों और इंटर कॉलेजों में शिक्षकों ने शिक्षण बहिष्कार आंदोलन शुरू कर दिया है। इस आंदोलन के कारण पहले ही दिन स्कूलों में पढ़ाई पूरी तरह ठप रही।
आंदोलन का कारण और मांगें
शिक्षकों ने सरकार और शिक्षा विभाग पर उनकी लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा न करने का आरोप लगाया है। संघ की प्रमुख मांगों में प्रधानाचार्यों की सीधी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाना, सभी स्तरों पर पदोन्नति सूची जारी करना और स्थानांतरण प्रक्रिया को शुरू करना शामिल है। संघ के प्रांतीय नेता नवेंदु मठपाल ने कहा कि वादे पूरे न होने के कारण शिक्षकों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ा है।
आंदोलन का असर
- प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में कक्षाओं का संचालन नहीं हुआ, जिससे छात्रों को बिना पढ़ाई के घर लौटना पड़ा।
- उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (यूके बोर्ड) के कई प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित हुए।
- रामनगर ब्लॉक में सोमवार से शुरू होने वाला ‘कौशलम्’ कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया गया।
आगे की रणनीति
शिक्षक संघ ने आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से जारी रखने की घोषणा की है। इसके तहत:
- 25 अगस्त को ब्लॉक मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन।
- 27 अगस्त को जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन।
- 29 अगस्त को मंडल मुख्यालयों पर प्रदर्शन।
संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानीं, तो आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है।
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