शक्तिफार्म (ऊधम सिंह नगर): उत्तराखंड के शक्तिफार्म, ग्राम कुसमोठ निवासी और मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं के रहने वाले राकेश मौर्य के परिवार पर उस समय दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, जब इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने रूस गए उनके बेटे का शव ताबूत में बंद होकर घर पहुंचा। आरोप है कि रूसी प्रशासन ने राकेश को जबरन सैनिक बनाकर यूक्रेन युद्ध में भेज दिया था, जहाँ उसकी मौत हो गई।
📱 वायरल वीडियो से खुला राज
राकेश मौर्य का नाम दो महीने पहले तब चर्चा में आया था, जब रूसी सैनिक की वर्दी में आधुनिक हथियारों से लैस उनका एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था।
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राकेश का आरोप: वीडियो में राकेश मौर्य ने आरोप लगाया था कि वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए रूस गए थे, लेकिन वहाँ स्थानीय प्रशासन ने उनका पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए और उन्हें जबरन सैनिक बनाकर यूक्रेन युद्ध में भेज दिया।
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पीड़ा: वीडियो में दिख रही उनकी पीड़ा ने लोगों को दहला दिया था।
💔 परिवार को आखिरी बार 30 अगस्त को हुई थी बात
राकेश के माता-पिता, राजबहादुर मौर्य और सोनी, ने बताया कि:
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आखिरी बातचीत: बीती 30 अगस्त को उनके बेटे से आखिरी बार बात हुई थी।
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सच छिपाया: तब राकेश ने उन्हें हिमाचल में नौकरी पर होने की बात कहकर सच्चाई छिपाई थी।
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गुहार: बाद में सच्चाई पता चलने पर परिजनों ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए सरकार और प्रशासन से गुहार लगाई थी। परिवार को पूरी उम्मीद थी कि राकेश सुरक्षित लौट आएगा।
⚰️ शव घर पहुँचा
बुधवार को जब राकेश मौर्य का पार्थिव शरीर घर पहुँचा, तो पूरे घर में कोहराम मच गया और पूरा परिवार सदमे में है।
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अनसुलझे सवाल: राकेश मौर्य की किन परिस्थितियों में मौत हुई, और उनका शव रूस से भारत किस तरह लाया गया, इस पूरे घटनाक्रम के पीछे वास्तविक सच्चाई क्या है—इस पर फिलहाल कोई भी अधिकारी बोलने के लिए तैयार नहीं है।
राकेश मौर्य की मौत ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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