नैनीताल उच्च न्यायालय ने मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025 को उत्तराखंड के युवाओं से जुड़े दो महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं। अदालत ने सहायक शिक्षक (LT) के 1544 पदों पर भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी करने पर लगी रोक हटा दी है, वहीं राजस्व उप-निरीक्षक (पटवारी) की वरिष्ठता को लेकर भी एक महत्वपूर्ण सिद्धांत स्थापित किया है।
1. सहायक शिक्षक (LT) भर्ती का रास्ता साफ
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा सहायक शिक्षक (LT) के 1544 पदों पर 14 मार्च 2024 को विज्ञापन जारी किया गया था। लिखित परीक्षा 18 अगस्त 2024 को हुई थी।
- विवाद का कारण: कुछ अभ्यर्थियों (गोपीचंद और अन्य, अरशद अली, सुषमा रानी और शीतल चौहान) ने गलत आरक्षण का हवाला देते हुए भर्ती प्रक्रिया को चुनौती दी थी, जिसके बाद परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी गई थी।
- कोर्ट का फैसला: मंगलवार को उच्च न्यायालय ने सभी मामलों पर अंतिम निर्णय जारी करते हुए भर्ती परीक्षा के परिणाम जारी करने पर लगी रोक को हटा दिया है।
- निर्देश: न्यायालय ने UKSSSC को कुछ याचिकाकर्ताओं के मामले में पदों को रिक्त रखने के निर्देश भी जारी किए हैं।
2. पटवारी की वरिष्ठता ‘नियुक्ति की तिथि’ से तय होगी
न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने राजस्व उप-निरीक्षक (पटवारी) के पद पर वरिष्ठता को लेकर दायर कई रिट याचिकाओं को खारिज करते हुए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।
विवाद का मूल
याचिकाकर्ताओं (मुख्य याचिकाकर्ता मनीष कुमार, अल्मोड़ा) ने दावा किया था कि उन्होंने पटवारी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में निजी प्रतिवादियों से अधिक अंक प्राप्त किए थे, इसलिए वरिष्ठता सूची में उनका नाम ऊपर होना चाहिए और उन्हें अगली पदोन्नति (सुपरवाइजर कानूनगो प्रशिक्षण) के लिए पहले चुना जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के अंक ही वरिष्ठता का निर्धारण कारक होने चाहिए।
कोर्ट का स्पष्टीकरण
न्यायालय ने राज्य सरकार के तर्क और उत्तर प्रदेश पटवारी सेवा नियमावली, 1963 के नियम 15 का हवाला दिया:
- वरिष्ठता का निर्धारण: सेवा में वरिष्ठता का निर्धारण “वास्तविक नियुक्ति के आदेश की तिथि” से होता है।
- अपवाद: प्रशिक्षण परीक्षा में प्राप्त अंकों को वरिष्ठता का कारक केवल तभी माना जाएगा, जब दो या दो से अधिक व्यक्ति एक ही तिथि पर नियुक्त हुए हों।
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने से केवल पात्रता मिलती है, वास्तविक नियुक्ति रिक्तियों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। चूंकि पटवारी का कैडर जिला स्तर का होता है, और अगले कैडर (सुपरवाइजर कानूनगो) में वरिष्ठता का पुनर्निर्धारण सभी पटवारियों की वास्तविक नियुक्ति की तिथि के आधार पर मंडल स्तर पर होता है, इसलिए याचिकाकर्ताओं की आपत्ति मान्य नहीं है।
अल्मोड़ा डीएम को निर्देश
न्यायालय ने जिलाधिकारी, अल्मोड़ा को निर्देश दिया कि वह उत्तराखंड सरकारी सेवक वरिष्ठता नियमावली, 2002 के नियम 9 का हवाला देते हुए राजस्व उप-निरीक्षक (पटवारी) की लंबित अनंतिम वरिष्ठता सूची पर प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण कर तीन माह के भीतर अंतिम सूची जारी करें। अन्य सभी याचिकाएँ खारिज कर दी गईं।
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