भाजपा ने पांच लोकसभा सीटों में से तीन सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। टिहरी, नैनीताल, अल्मोड़ा सीट पर भाजपा ने पुराने चेहरों पर दांव खेला है। हरिद्वार और गढ़वाल सीट पर भाजपा ने अभी प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है।
माना जा रहा है कि इन दोनों सीटों पर सिटिंग एमपी का टिकट कटना तय है।
हरिद्वार सीट से पूर्व सीएम डॉ रमेश पोखरियाल निशंक और गढ़वाल सीट से पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत सिटिंग एमपी है। ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों का टिकट कटना तय है। इसके पीछे नए चेहरों को मौका देना और पिछला कार्यकाल आधार माना जा रहा है। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला निर्णय हरिद्वार को लेकर माना जा रहा है। हरिद्वार से पूर्व सीएम डॉ रमेश पोखरियाल निशंक का इस बार भी दावा मजबूत माना जा रहा था।
निशंक सियासत के पक्के खिलाड़ी माने जाते हैं। वे हर बार अपने चुनाव में विरोधी पक्ष को मात देने में कामयाब रहते आ रहे हैं। इस बार जब वे हरिद्वार सीट से चुनाव जीते को उन्हें मोदी सरकार में शिक्षा मंत्रालय जैसा अहम विभाग सौंपा गया। ये माना गया कि वे मोदी की टीम में भरोसेमंद और विश्वसनीय चेहरा बन गए हैं। लेकिन अचानक से मोदी मंत्रिमंडल से बाहर हो गए।
मोदी मंत्रिमंडल से बाहर होने का कोई ठोस वजह सार्वजनिक नहीं हो पाए। इस बीच निशंक बतौर सांसद ही हरिद्वार में सक्रिय नजर आए। इस बीच प्रदेश की सियासत में भी वे काफी सक्रिय होते गए। सीएम पुष्कर सिंह धामी के भी निशंक काफी करीबी माने जाने लगे। लेकिन हरिद्वार सीट से निशंक के टिकट कटने की चर्चा लगातार होती रही।
अब पहली लिस्ट में हरिद्वार से निशंक को फिर से टिकट न मिलना, इस बात का संकेत माना जा रहा है कि हरिद्वार से नए चेहरे पर पार्टी दांव खेल सकती है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम हरिद्वार से तेजी से आगे बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
गढ़वाल सीट पर भी पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत को पहली लिस्ट में जगह न मिलना इस बात के संकेत हैं कि उनकी जगह किसी दूसरे चेहरे पर पार्टी दांव खेलने जा रही है। तीरथ सिंह रावत को लेकर भी पौड़ी गढ़वाल सीट पर कुछ खासा प्रदर्शन न होना और उनके कार्यों का अच्छा फीडबैक न मिलना माना जा रहा है। हालांकि जब तक दोनों सीटों पर टिकटों का ऐलान नहीं हो जाता तब तक कुछ भी कहना आसान नहीं है।
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