लालकुआं: पंचायत चुनाव के नतीजों से निराश होकर एक 32 वर्षीय युवक ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना लालकुआं के निकटवर्ती क्षेत्र बिंदुखत्ता में हुई, जहाँ गौला नदी के किनारे इमलीघाट में युवक तड़पता हुआ मिला। उसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी।
समर्थित प्रत्याशियों की हार और ताने बने वजह
नया प्लाट शांतिपुरी खामिया नंबर-चार निवासी ललित आर्या (32) पुत्र डिगर राम आर्या, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान प्रत्याशी बबिता रौतेला और बीडीसी प्रत्याशी दीप्ति पांडा के चुनाव प्रचार में पूरी लगन से लगे हुए थे। गुरुवार को आए चुनाव परिणामों में जब दोनों प्रत्याशियों की हार हुई, तो ललित बहुत दुखी हो गए।
बताया जा रहा है कि इस हार के बाद स्थानीय निवासियों ने भी उन्हें ताने मारना शुरू कर दिया कि उन्होंने समर्थन किसी को किया और वोट किसी और को दे दिया। इन तानों से आहत होकर ललित बिना बताए घर से निकल गए।
दोस्तों ने अस्पताल पहुँचाया, पर नहीं बची जान
दोपहर 2:48 बजे ललित ने अपने मित्र अनिल कुमार को तुरंत गौला नदी के किनारे इमलीघाट पर बुलाया। वहाँ पहुँचने पर अनिल ने ललित को उल्टियाँ करते हुए रेत पर पड़े देखा। ललित की पैंट की जेब से जहर का एक पैकेट भी बरामद हुआ।
ललित ने अपने दोस्त को बताया कि जिन प्रत्याशियों को जिताने में उसने जी-जान लगा दी, वे हार गए हैं और लोग उसे धोखेबाज कहकर ताने मार रहे हैं, इसलिए उसने जहर खा लिया है। अनिल ने तुरंत ललित के परिजनों को बुलाया। दोस्तों की मदद से ललित को रुद्रपुर के कई निजी अस्पतालों में ले जाया गया। अंततः, बाठला अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
संतान का मुँह देखे बिना ली दुनिया से विदाई
ललित का विवाह तीन साल पहले हुआ था। संतान सुख के लिए लंबे इलाज और मन्नतों के बाद छह महीने पहले उनकी पत्नी के गर्भवती होने पर परिवार में खुशी का माहौल था। दुखद है कि मिलनसार स्वभाव के ललित ने अपनी संतान का मुँह देखे बिना ही दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
क्या आपको लगता है कि चुनावी हार-जीत को लेकर समाज में बढ़ रही अति-संवेदनशीलता एक चिंता का विषय है?
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