उत्तराखंड के एक स्थानीय लोकगायक द्वारा गाए गए एक गीत में ब्राह्मण समाज पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा है। उत्तराखंड विद्वत सभा ने इस गीत पर कड़ी आपत्ति जताते हुए गायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। सभाजनों का कहना है कि गीत के माध्यम से समाज विशेष की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का प्रयास किया गया है।
📝 विद्वत सभा का विरोध और मांग
- ज्ञापन: बुधवार को विद्वत सभा अध्यक्ष हर्षपति गोदियाल की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने देहरादून एसएसपी को संबोधित ज्ञापन उनके प्रतिनिधि सीओ विवेक सिंह कुटियाल को सौंपा।
- आरोप: सभा ने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे इस गीत में अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है, जिससे समाज के कई लोग आहत हुए हैं। सभा ने इसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला कृत्य बताया।
- मांगें:
- गायक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
- गीत के वीडियो को सोशल प्लेटफॉर्म से तत्काल हटाया जाए।
- गायक को सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना करने के निर्देश दिए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
🗣️ देवभूमि के कलाकारों को संदेश
विद्वत सभा के पदाधिकारियों ने कहा कि देवभूमि के कलाकारों को समाज में समरसता और सांस्कृतिक गौरव को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करना चाहिए, न कि विभाजन और विवाद फैलाने वाले गीत गाने चाहिए।
👮♂️ पुलिस का आश्वासन
सीओ विवेक सिंह कुटियाल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि:
“प्रकरण की पूरी जाँच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
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