हरिद्वार : एएचटीयू की टीम ने मानव तस्करी का पर्दाफाश करते हुए प्रयागराज की दो सगी नाबालिग बहनों को एक गिरोह के चंगुल से मुक्त कराया है। दोनों को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेलने की तैयारी की जा रही थी।
पुलिस ने गिरोह के लीडर सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
लीडर की पत्नी फरार होने में सफल रही। आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया है। मंगलवार को रोशनाबाद पुलिस कार्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने प्रेसवार्ता कर मामले का खुलासा किया। एसएसपी ने बताया कि रानीपुर कोतवाली क्षेत्र के संजय नगर टिबड़ी स्थित एक मकान में दो नाबालिग बहनों को बंधक बनाकर रखा गया था।
नौकरी देने का झांसा दिया और हरिद्वार ले आया
दोनों को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेलने की तैयारी थी। जिस पर एएचटीयू प्रभारी राकेंद्र कठैत, एसआई जयवीर सिंह रावत, हेड कांस्टेबल राकेश कुमार, आरक्षी बलवंत, विमल, महिला आरक्षी दीपा कल्याणी, रेशमा सुल्ताना, आरती, कांस्टेबल चालक दीपक चंद ने मौके पर छापा मारा।
जहां से 17 व 14 वर्षीय किशोरियों को बरामद करते हुए आरोपी आलोक को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में पता चला कि प्रयागराज से दो सगी बहनें भागकर दिल्ली आई थीं। आरोपी आलोक ने उन्हें नौकरी देने का झांसा दिया और हरिद्वार ले आया। यहां टिबड़ी में अपने किराये के मकान में उन्हें रख लिया। आरोपी ने जिस्मफरोशी की एवज में रोजाना 10 हजार मिलने की बात दोनों को कही। आरोपी की पत्नी उन्हें देह व्यापार में धकेलने के लिए कुछ लोगों से बात करने गई थी।
एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि आरोपी आलोक को साथ लेकर टीम ने छापेमारी करते हुए कार से सौदा करने आ रही महिला सहित पांच आरोपियों को पकड़ लिया। मुख्य आरोपी की पत्नी फरार होने में कामयाब रही। फरार आरोपी की तलाश की जा रही है।
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