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जानलेवा कफ सिरप पर उत्तराखंड सरकार सख्त: मेडिकल स्टोर्स पर ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू

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देश के विभिन्न राज्यों, खासकर राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले सामने आने के बाद उत्तराखंड सरकार हरकत में आ गई है। केंद्र सरकार की एडवाइजरी के क्रम में, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर, राज्य में प्रतिबंधित कफ सिरप और दवाइयों के खिलाफ सख्त और व्यापक छापेमारी अभियान शुरू कर दिया गया है।


 

युद्धस्तर पर लागू हुई केंद्र की एडवाइजरी

 

स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को भारत सरकार की एडवाइजरी को तत्काल प्रभाव से लागू कराने का आदेश दिया है।

  • संयुक्त टीमें: स्वास्थ्य विभाग और एफडीए (खाद्य एवं औषधि प्रशासन) की संयुक्त टीमें प्रदेश के सभी मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों की औषधि दुकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही हैं।
  • गुणवत्ता जाँच: औषधि निरीक्षकों को चरणबद्ध तरीके से कफ सिरपों के सैंपल एकत्र करने और उनकी गुणवत्ता की जाँच प्रयोगशाला में कराने का निर्देश दिया गया है, ताकि किसी भी हानिकारक या दोषपूर्ण दवा को तत्काल बाजार से हटाया जा सके।
  • अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी खुद देहरादून के जोगीवाला और मोहकमपुर समेत कई क्षेत्रों में औषधि दुकानों का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि दोष पाए जाने पर संबंधित कंपनी या विक्रेता के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

 

चिकित्सकों और विक्रेताओं को निर्देश

 

स्वास्थ्य सचिव ने प्रदेश के सभी चिकित्सकों से अनुरोध किया है कि वे केंद्र सरकार की एडवाइजरी का संज्ञान लेते हुए बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरप न लिखें। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी सभी चिकित्सकों और औषधि विक्रेताओं को प्रतिबंधित सिरप को न लिखने और न बेचने के सख्त निर्देश दिए हैं।

 

मुख्यमंत्री ने दी सख्त चेतावनी

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरे मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है:

“बच्चों की सुरक्षा और जनता के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि प्रदेश में बिकने वाली हर दवा सुरक्षित और मानक गुणवत्ता वाली हो। बच्चों की सुरक्षा पर किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


 

केंद्र सरकार की एडवाइजरी के मुख्य बिंदु

 

केंद्र सरकार ने बच्चों को कफ सिरप देने के संबंध में निम्नलिखित मुख्य निर्देश जारी किए हैं:

  1. 2 साल से कम आयु के बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार की खांसी या जुकाम की दवा नहीं दी जानी चाहिए।
  2. 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में इन दवाओं का सामान्य उपयोग ठीक नहीं है।
  3. इन दवाओं का उपयोग केवल विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह, सही खुराक और न्यूनतम अवधि के लिए ही किया जा सकता है।
  4. सरकार ने विशेष रूप से Dextromethorphan युक्त सिरप और Chlorpheniramine Maleate + Phenylephrine Hydrochloride संयोजन वाली दवाओं को चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित किया है।
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