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उत्तराखंड एसटीएफ ने फर्जी लोन ऐप ठगी के मास्टरमाइंड को दिल्ली एयरपोर्ट से दबोचा, चीन से जुड़े तार

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देहरादून: उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने फर्जी लोन ऐप के ज़रिए साइबर ठगी करने वाले एक बड़े साइबर ठग को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान अभिषेक अग्रवाल (निवासी अशोक विहार, जिला नार्थ वेस्ट दिल्ली) के रूप में हुई है, जिसके तार चीन से जुड़े होने का खुलासा हुआ है।1 पूछताछ में उसने कुछ चीनी नागरिकों के नाम भी साझा किए हैं।

कैसे काम करता था यह गिरोह?

एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि 2022 में विभिन्न फर्जी लोन ऐप के माध्यम से भारत के नागरिकों के साथ धोखाधड़ी और जबरन मोटी धनराशि वसूलने का एक मुकदमा दर्ज किया गया था। यह गिरोह उत्तराखंड के अलावा देश के विभिन्न राज्यों में सक्रिय था।

  1. लुभावना लालच: पीड़ितों को कम दस्तावेजों पर तत्काल लोन देने का लालच देकर फर्जी ऐप इंस्टॉल कराए जाते थे।
  2. डेटा चोरी: ऐप इंस्टॉल होते ही पीड़ितों के मोबाइल डिवाइस का एक्सेस प्राप्त कर उनकी गैलरी से निजी डेटा चुरा लिया जाता था।
  3. धमकी और उगाही: इसके बाद, पीड़ितों को अधिक ब्याज भरने के धमकी भरे मैसेज भेजे जाते थे। जो लोग अधिक ब्याज जमा नहीं करते थे, उनकी फोटो को अश्लील बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया जाता था।
  4. करोड़ों का हस्तांतरण: बदनामी के डर से पीड़ित अधिक ब्याज भरने को मजबूर हो जाते थे, और गिरोह पीड़ितों से करोड़ों रुपये वसूल कर उन्हें विदेश ट्रांसफर कर देता था।

चार्टर्ड अकाउंटेंट निकला मास्टरमाइंड

विवेचना के दौरान फर्जी लोन ऐप चलाने वाले मास्टरमाइंड अभिषेक अग्रवाल के बारे में जानकारी मिली। चूंकि आरोपी विदेश में छिपा हुआ था, उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था। शनिवार को एसटीएफ को सूचना मिली कि आरोपी दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने वाला है, जिसके बाद उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया।

प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह चीनी नागरिकों के एक गिरोह के संपर्क में थाआरोपी पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट है और उसने चीनी मास्टरमाइंडों के लिए फर्जी शेल कंपनियाँ बनाई थीं, जिन पर बैंक खाते खोले गए।2 उसने करीब 35-40 शेल कंपनियाँ बनाईं, जिनमें से 13 कंपनियाँ उसके खुद के नाम पर और 28 कंपनियाँ उसकी पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड पाई गईं।3 कई कंपनियों में सह-निर्देशक चीनी नागरिक हैं।4

इन कंपनियों के माध्यम से लगभग ₹750 करोड़ से अधिक की संदिग्ध धनराशि का ट्रांजेक्शन प्रकाश में आया है, जिसकी आगे विवेचना की जा रही है।5 आरोपी पूर्व में कई बार चीन, हांगकांग आदि देशों की यात्रा कर चुका है, जहाँ से संचालित फर्जी लोन ऐप्स के माध्यम से भारतीय नागरिकों को निशाना बनाया जाता था।

जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी के विरुद्ध देश के कई राज्यों में शिकायतें दर्ज हैं। आरोपी ने कुछ चीनी नागरिकों की जानकारी दी है, जिनके संबंध में अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क किया जा रहा है और भारत सरकार व इंटरपोल के माध्यम से भी पत्राचार किया जा रहा है।


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