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कमीशनखोरी की मंडी में विजिलेंस का छापा, लाइसेंस के नाम पर ₹1.20 लाख की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया मंडी सचिव

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राजू अनेजा, काशीपुर।उत्तराखंड में भ्रष्टाचार की चूलें हिल रही हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की “जीरो टॉलरेंस” नीति अब केवल नारा नहीं, बल्कि एक्शन बन चुकी है। ताज़ा मामला काशीपुर की फल मंडी का है, जहां मंडी सचिव पूरन सिंह सैनी को ₹1.20 लाख की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस टीम ने रंगेहाथ दबोच लिया।सचिव साहब दो फाइलें निपटाने के बदले मोटी रकम ऐंठने की फिराक में थे , मगर इस बार खेल उल्टा पड़ गया।

क्या है पूरा मामला?

शिकायतकर्ताओं शफायत और शकील अहमद ने कुछ दिन पूर्व विजिलेंस को जानकारी दी कि सचिव द्वारा मंडी लाइसेंस जारी करने के लिए फाइलें पास करने की एवज में मोटी रकम की मांग की जा रही है। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए विजिलेंस टीम ने जाल बिछाया और तय योजना के तहत मंडी में कार्रवाई की।

जैसे ही सचिव ने नोटों से भरा लिफाफा हाथ में लिया, मौके पर मौजूद विजिलेंस टीम ने उसे सार्वजनिक रूप से गिरफ्तार कर लिया। इस घटनाक्रम को मंडी में मौजूद व्यापारियों और कर्मचारियों ने चश्मदीद की तरह देखा, जिससे मंडी परिसर में अफरातफरी मच गई।

मंडी में मचा हड़कंप

गिरफ्तारी के बाद मंडी परिसर में सन्नाटा और खलबली दोनों देखने को मिले। कई व्यापारी खुलकर बोलने से बचते दिखे, लेकिन अंदरखाने चर्चाओं का दौर तेज हो गया कि मंडी में लंबे समय से जारी “परमीशन के बदले कमीशन” का खेल आज पहली बार उजागर हुआ है।

और भी खुल सकते हैं राज

सूत्रों की मानें तो विजिलेंस टीम ने सचिव से जुड़े पुराने फाइल रिकॉर्ड, मोबाइल फोन, और संदिग्ध लेन-देन से जुड़ा दस्तावेजी साक्ष्य भी जब्त किया है। टीम का मानना है कि यह सिर्फ एक सिरा है, असल भ्रष्टाचार की जड़ें कहीं और गहरी हैं।
अब मंडी परिषद के बड़े अफसरों की भूमिका भी जांच के घेरे में आ सकती है।

सरकार के तेवर साफ – “अब कोई बख्शा नहीं जाएगा”

मुख्यमंत्री धामी पहले ही साफ कर चुके हैं कि भ्रष्टाचारियों को या तो जेल जाना होगा या नौकरी छोड़नी होगी। ऐसे में विजिलेंस की यह कार्रवाई न केवल सचिव के लिए, बल्कि मंडी तंत्र में छिपे अन्य “सुविधा शुल्क प्रेमियों” के लिए भी एक कड़ा संदेश है।

अफसरों की चुप्पी सवालों के घेरे में

गौरतलब है कि समाचार लिखे जाने तक न तो मंडी प्रशासन और न ही विजिलेंस विभाग की ओर से कोई आधिकारिक प्रेस बयान जारी किया गया है, लेकिन कार्यवाही से जुड़े अफसरों की गतिविधियां और तफ्तीश की रफ्तार इस बात का संकेत दे रही है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ़्तारियां संभव हैं।

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