ऐसे हो रही ठगी
साइबर पुलिस ने कहा है कि ठग अब व्हाट्सएप के जरिये शादी के कार्ड के रूप में फर्जी फाइलें भेज रहे हैं। ये फाइलें डाउनलोड करने से न केवल फोन की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है, बल्कि हैकर्स आपका पर्सनल डाटा को चुरा सकते हैं और आपके फोन से संदेश भेजकर पैसे भी निकाल सकते हैं। पुलिस ने लोगों को सलाह दी है कि अगर किसी अज्ञात नंबर से शादी कार्ड या कोई संदिग्ध फाइल आए, तो उसे बिल्कुल न खोलें और न ही डाउनलोड करें। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरवीर सिंह राठौर ने कहा अगर अज्ञात नंबर से डिजिटल शादी का कार्ड या अन्य फाइलें मिलती हैं, तो उसे बिना वेरिफाई किए न खोलें और न ही डाउनलोड करें। शातिर आपका डाटा चुराकर खाते में सेंधमारी कर सकते हैं। शिमला, धर्मशाला और हमीरपुर से इस तरह की शिकायतें आई हैं।
साइबर पुलिस ने कहा है कि ठग अब व्हाट्सएप के जरिये शादी के कार्ड के रूप में फर्जी फाइलें भेज रहे हैं। ये फाइलें डाउनलोड करने से न केवल फोन की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है, बल्कि हैकर्स आपका पर्सनल डाटा को चुरा सकते हैं और आपके फोन से संदेश भेजकर पैसे भी निकाल सकते हैं। पुलिस ने लोगों को सलाह दी है कि अगर किसी अज्ञात नंबर से शादी कार्ड या कोई संदिग्ध फाइल आए, तो उसे बिल्कुल न खोलें और न ही डाउनलोड करें। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरवीर सिंह राठौर ने कहा अगर अज्ञात नंबर से डिजिटल शादी का कार्ड या अन्य फाइलें मिलती हैं, तो उसे बिना वेरिफाई किए न खोलें और न ही डाउनलोड करें। शातिर आपका डाटा चुराकर खाते में सेंधमारी कर सकते हैं। शिमला, धर्मशाला और हमीरपुर से इस तरह की शिकायतें आई हैं।
ऐपीके फाइल कैसे करती है काम
इस प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों में किसी अज्ञात नंबर से शादी का कार्ड भेजा जाता है, जिसमें एक ऐपीके फाइल छिपी रहती है, जब इस फाइल को डाउनलोड किया जाता है, तो यह फोन में एक एप इंस्टॉल कर देती है, जिससे हैकर्स को यूजर के स्मार्टफोन तक पूरी पहुंच मिल जाती है। इसके बाद हैकर्स यूजर के पर्सनल डाटा जैसे संपर्क सूची, बैंक डिटेल्स और अन्य संवेदनशील जानकारी चुरा सकते हैं। इसके अलावा कुछ मामलों में ये ठग यूजर के फोन का इस्तेमाल करके उसके दोस्तों से पैसे ऐंठने के लिए भी फर्जी संदेश भेजते हैं।
इस प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों में किसी अज्ञात नंबर से शादी का कार्ड भेजा जाता है, जिसमें एक ऐपीके फाइल छिपी रहती है, जब इस फाइल को डाउनलोड किया जाता है, तो यह फोन में एक एप इंस्टॉल कर देती है, जिससे हैकर्स को यूजर के स्मार्टफोन तक पूरी पहुंच मिल जाती है। इसके बाद हैकर्स यूजर के पर्सनल डाटा जैसे संपर्क सूची, बैंक डिटेल्स और अन्य संवेदनशील जानकारी चुरा सकते हैं। इसके अलावा कुछ मामलों में ये ठग यूजर के फोन का इस्तेमाल करके उसके दोस्तों से पैसे ऐंठने के लिए भी फर्जी संदेश भेजते हैं।