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बिंदुखत्ता : राजस्व ग्राम की प्रतीक्षा में 80 हजार आबादी, वनाधिकार समिति चलाएगी हस्ताक्षर अभियान

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वनाधिकार समिति बिंदुखत्ता की एक महत्वपूर्ण बैठक में बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की लंबित प्रक्रिया में तेजी लाने पर चर्चा हुई। क्षेत्र की लगभग 80 हजार आबादी, जो दशकों से सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित है, वन अधिकार अधिनियम (FRA) 2006 की धारा 3-1 (ज) के तहत राजस्व ग्राम बनने की प्रतीक्षा कर रही है।

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जनजाति मंत्रालय भारत सरकार को पत्र भेजने हेतु एक व्यापक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, प्रमुख सचिव राजस्व से एक शिष्टमंडल मुलाकात करेगा और क्षेत्रीय विधायक डॉ. मोहन बिष्ट से पत्रावली पास करवाने के लिए पुनः आग्रह किया जाएगा।

साथ ही, सोशल मीडिया पर चल रही मुहिम को और तेज करने और पूर्व एवं वर्तमान जनप्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से समर्थन जुटाने का भी निर्णय लिया गया।

बैठक में तीखे शब्दों में उन लोगों की निंदा भी की गई, जो बिंदुखत्ता राजस्व ग्राम की पत्रावली में आपत्ति होने और वनाधिकार समिति में एकजुटता न होने जैसी अफवाहें फैला रहे हैं। समिति के सदस्यों ने स्पष्ट कहा कि इस तरह की अफवाहें न केवल जनता के विश्वास को ठेस पहुंचा रही हैं, बल्कि आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास भी कर रही हैं। समिति ने सभी से अपील की कि ऐसे भ्रामक तत्वों को नजरअंदाज करें और एकजुट होकर इस आंदोलन को सफल बनाएं।

बैठक की अध्यक्षता अर्जुन नाथ गोस्वामी ने की। इस दौरान सचिव भुवन भट्ट, संरक्षक गणेश कांडपाल, सदस्य कै. चंचल सिंह कोरंगा, नंदन बोरा, उमेश भट्ट, कविराज धामी, विनीता बसनायत, संरक्षक मनोज बसनायत, देवेंद्र बिष्ट, कैलाश जोशी, मोहन सिंह धामी, चंद्रमणि मेलकानी, रमेश जोशी, कमलेश बिष्ट, कमल पांडे , किशन गिरि गोस्वामी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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