उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) का पेपर लीक प्रकरण राज्य की साख और हजारों युवाओं के भविष्य पर एक गंभीर चोट थी। इस घटना के बाद, जिसमें सीएम ने सीबीआई जांच की भी संस्तुति दी है, आयोग ने अपनी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने और भविष्य में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए नए और सख्त नियम लागू किए हैं।
UKSSSC के नए सुरक्षा नियम और अनिवार्य प्रक्रियाएं
आयोग, अभ्यर्थियों के मन में उठ रहे सवालों और आगामी परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कमर कस चुका है। सचिव जीएस मर्तोलिया ने कहा है कि नियम तोड़ने वाले के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
1. बायोमेट्रिक और फिजिकल चेकिंग (सत्यापन)
- अनिवार्य बायोमेट्रिक: हर उम्मीदवार का बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य होगा। केंद्र पर पहुंचते ही फिंगरप्रिंट और फोटो स्कैन के जरिए वेरिफिकेशन किया जाएगा।
- कड़ी तलाशी: परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले उम्मीदवारों की पूरी तलाशी ली जाएगी। उन्हें जूते-चप्पल उतारकर चेकिंग से गुजरना होगा।
2. परीक्षा केंद्र की सुरक्षा और निगरानी
- सैनिटाइजेशन और जांच: परीक्षा से एक दिन पहले प्रत्येक केंद्र को पूरी तरह से सैनिटाइज और जांचा जाएगा।
- अतिरिक्त सुरक्षा: जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की निगरानी में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे।
- मोबाइल जैमर: प्रश्नपत्र लीक रोकने के लिए सभी परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल नेटवर्क ब्लॉक करने वाले जैमर लगाए जाएंगे, जिससे इंटरनेट या कॉल संपर्क असंभव होगा।
- कड़ी निगरानी: परीक्षा शुरू होने से खत्म होने तक गार्ड्स और पुलिसकर्मी उम्मीदवारों पर सख्त नजर रखेंगे। बिना अनुमति किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित होगा।
3. समय पर पहुंचना अनिवार्य
- 2 घंटे पहले एंट्री: सभी उम्मीदवारों को परीक्षा शुरू होने से कम से कम दो घंटे पहले केंद्र पर पहुँचना अनिवार्य होगा।
- देर से आने पर प्रवेश नहीं: देर से आने वाले परीक्षार्थियों को किसी भी हालत में एंट्री नहीं दी जाएगी।
आयोग, जिला प्रशासन और पुलिस की टीमें मिलकर पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता से परीक्षा कराने के लिए तैयार हैं।
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