
राजू अनेजा,देहरादून। उत्तराखंड में साइबर ठग अब हदें पार करने लगे हैं। ठगों ने देहरादून में खुद को देश का उपराष्ट्रपति बताकर राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल से ठगी की कोशिश की। ठगों ने सांसद को व्हाट्सऐप पर संदेश भेजकर वित्तीय मदद मांगी।
मामला पकड़ में आने के बाद सांसद के निजी सचिव ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराया है।
💬 ‘आपसे मदद की उम्मीद है, मेरी कंपनी को भुगतान चाहिए’
राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल के निजी सचिव कमल गहतोड़ी ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 22 अप्रैल को सांसद के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से व्हाट्सऐप संदेश आया।
संदेश भेजने वाले ने खुद को उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू बताया और लिखा — “आपसे मदद की उम्मीद है, मेरी कंपनी को भुगतान की आवश्यकता है।”
ठग ने उपराष्ट्रपति की फोटो व्हाट्सऐप प्रोफाइल में लगाकर भरोसा दिलाने की कोशिश की। लेकिन संदेश का लहजा संदिग्ध लगा तो सांसद ने उपराष्ट्रपति कार्यालय से संपर्क साधा, जहां से यह साफ हो गया कि ऐसा कोई संदेश नहीं भेजा गया था।
🚨 साइबर पुलिस अलर्ट मोड में, आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस ठगों के मोबाइल नंबर की लोकेशन, आईपी एड्रेस और लिंक की टेक्निकल ट्रेसिंग में जुटी हुई है।
⚡ सवाल बड़ा है — सांसद तक को निशाना बनाया जा रहा, आम आदमी कैसे बचेगा?
अब ठगों की नजर सिर्फ आम नागरिकों पर नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधियों तक पहुंच चुकी है।
साइबर ठगी के ये नए तरीके न केवल चौकाने वाले हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि ठगों का नेटवर्क कितना संगठित और तकनीकी रूप से सक्षम हो चुका है।
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अनजान नंबर से आए संदेश या लिंक पर विश्वास न करें, और संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।
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