देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, तपोवन में सांसद खेल महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए स्वयं कबड्डी खिलाड़ियों के साथ मैदान में उतरकर कबड्डी खेली, जिसे देखकर उपस्थित खिलाड़ी और दर्शक उत्साहित हो उठे।
🏅 सांसद खेल महोत्सव का उद्देश्य
मुख्यमंत्री धामी ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि खेल केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, अनुशासन और टीम भावना का प्रतीक हैं।
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अभियान: उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से पूरे देश में आयोजित हो रहा सांसद खेल महोत्सव ग्रामीण स्तर की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय मंच तक पहुँचाने का एक बड़ा अभियान है।
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लक्ष्य: उत्तराखंड में यह महोत्सव तीन चरणों में आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य ‘फिट इंडिया, स्पोर्ट्स इंडिया, स्ट्रॉन्ग इंडिया’ के संदेश को हर गाँव तक पहुँचाना है।
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स्थानीय खेलों को बढ़ावा: इस आयोजन से स्थानीय, पारंपरिक और लोक खेलों को नया जीवन मिलेगा।
🚀 खेल संस्कृति को मजबूत करने की पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत खेलों के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छू रहा है, और राज्य सरकार भी प्रदेश में खेल संस्कृति को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
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राष्ट्रीय खेलों में सफलता: हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 103 पदक जीतकर राज्य का मान बढ़ाया।
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स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान: इसके तहत प्रदेश के आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी, जहाँ हर वर्ष सैकड़ों खिलाड़ी उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
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खेल विश्वविद्यालय और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज: हल्द्वानी में उत्तराखंड का पहला खेल विश्वविद्यालय और लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित करने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है।
💼 नई खेल नीति और प्रोत्साहन
सीएम धामी ने बताया कि राज्य में नई खेल नीति लागू की गई है, जिसके अंतर्गत:
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सरकारी नौकरी: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी दी जा रही है।
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पुरस्कार और प्रोत्साहन: मुख्यमंत्री खेल विकास निधि, खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, उदीयमान खिलाड़ी योजना और खेल किट योजना जैसी योजनाओं से युवाओं को प्रेरित किया जा रहा है।
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सम्मान: उत्तराखंड खेल रत्न और हिमालय खेल रत्न पुरस्कारों के माध्यम से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को सम्मानित किया जा रहा है।
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आरक्षण: राजकीय सेवाओं में खिलाड़ियों के लिए चार प्रतिशत खेल कोटा भी पुनः लागू किया गया है, ताकि उनके परिश्रम और उपलब्धियों का उचित सम्मान मिल सके।
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