उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले से 18 सितंबर से लापता चल रहे वरिष्ठ पत्रकार राजीव प्रताप का शव रविवार को जोशियाड़ा बैराज से बरामद किया गया है। पुलिस उपाधीक्षक जनक सिंह पंवार ने इसकी पुष्टि की है।
मुख्यमंत्री ने दिए गहन जाँच के आदेश
पत्रकार राजीव प्रताप के निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मीडिया जगत के लोगों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री धामी ने पत्रकार की मौत की गहन और निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं। राजीव प्रताप 18 सितंबर की रात को उत्तरकाशी से रहस्यमय हालात में लापता हो गए थे।
जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं
राजीव प्रताप ‘दिल्ली-उत्तराखंड लाइव’ नाम का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म चलाते थे और उत्तरकाशी के स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाते थे।
- अस्पताल की बदहाली पर वीडियो: उन्होंने हाल ही में जिला अस्पताल की बदहाली पर एक वीडियो बनाया था, जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था।
- धमकियां: राजीव के गुमशुदा होने के बाद उनकी पत्नी ने पत्रकारों को बताया था कि उनके पति को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं और धमकियां देने वाले वीडियो डिलीट करने को कह रहे थे, जिससे राजीव काफी परेशान रहते थे।
तलाश अभियान और शव बरामदगी
पुलिस के अनुसार, 18 सितंबर की रात को राजीव प्रताप अपने दोस्त सोबन सिंह की कार लेकर ज्ञानसू से गंगोरी के लिए निकले थे।
- कार बरामद: 19 सितंबर की सुबह राजीव प्रताप वापस नहीं लौटे, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस को अगले दिन राजीव के दोस्त की कार भागीरथी नदी में मिली थी, लेकिन राजीव प्रताप उसमें नहीं थे।
- तलाश: परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर ली थी। डीएम और एसपी के निर्देश पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सरकारी अमलों द्वारा लगातार उनकी तलाश की जा रही थी।
- शव की पहचान: इसी तलाश के दौरान टीम को जोशियाड़ा बैराज में एक शव दिखाई दिया, जिसकी पहचान लापता पत्रकार राजीव प्रताप के रूप में की गई।
पुलिस अब मुख्यमंत्री के आदेश के तहत मामले की गहन जांच करेगी।
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