हिमालय प्रहरी

नशा मुक्त उत्तराखण्ड की ओर—आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने खींची सख्त लकीर

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राजू अनेजा,हल्द्वानी।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड” के संकल्प को जमीनी हकीकत में बदलने के लिए कुमायूँ की पहली महिला आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने सख्त कदम उठाते हुए विस्तृत खाका तैयार कर लिया है। उनकी रणनीति साफ है—गोपनीय निगरानी, हर एक अधिकारी की तय जिम्मेदारी और नशा कारोबारियों पर कठोरतम कार्रवाई।

215 आदतन तस्कर निगरानी में

आईजी के निर्देश पर क्षेत्र के करीब 215 आदतन नशा तस्करों को चिन्हित कर निगरानी सूची में डाला गया है। जिनके खिलाफ दो या उससे अधिक मुकदमे दर्ज हैं, उनकी हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जाएगी। हर संदिग्ध पर एक-एक उपनिरीक्षक और अपर उपनिरीक्षक को जिम्मेदारी दी गई है।

नशे के खिलाफ नई रणनीति

युवाओं और किशोरों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति को सामाजिक संकट बताते हुए आईजी ने कहा है कि अब तस्करों को चैन की सांस नहीं लेने दी जाएगी। उनके रहन-सहन, आमदनी और रोजमर्रा की गतिविधियों की गहन छानबीन होगी। यदि आय और जीवनशैली में असमानता दिखी तो तत्काल रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।

गोपनीयता सर्वोपरि

कार्रवाई को प्रभावी और गुप्त रखने के लिए संदिग्धों की सूची पूरे जनपद में नहीं, बल्कि केवल संबंधित उपनिरीक्षक या अपर उपनिरीक्षक तक सीमित रखी जाएगी। ताकि तस्करों को भनक न लगे और कार्रवाई दबे पाँव अपने निशाने तक पहुँचे।

सख्त चेतावनी

आईजी अग्रवाल ने साफ कहा है— “यदि कोई संदिग्ध दोबारा नशे की तस्करी में पकड़ा गया तो उसके खिलाफ NDPS Act, PITNDPS Act और गैंगस्टर एक्ट के तहत कठोरतम कार्रवाई होगी। अब नशा कारोबारियों को किसी भी हाल में राहत नहीं मिलेगी।”

समीक्षा और जवाबदेही

पूरे अभियान की कड़ी निगरानी के लिए बहुस्तरीय समीक्षा प्रणाली लागू की गई है।

समाज की लड़ाई, कानून का संकल्प

आईजी अग्रवाल का कहना है कि यह केवल कानून-व्यवस्था की कार्रवाई नहीं है, बल्कि समाज को नशे के जाल से मुक्त कराने और आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य देने की लड़ाई है। संकेत साफ हैं कि निकट भविष्य में कुमायूँ में नशा माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है।

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