उत्तराखंड सरकार ने राज्य की विद्यालयी शिक्षा को हाईटेक बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने शिक्षकों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए एक मोबाइल आधारित ऑनलाइन पाठ्यक्रम ऐप शुरू करने की पहल की है।
शिक्षकों के लिए ‘कहीं भी, कभी भी’ लर्निंग
SCERT द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले इन ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में शिक्षकों के लिए कई महत्वपूर्ण सुविधाएँ होंगी:
- सुविधाएँ: इसमें पंजीकरण, अध्ययन सामग्री, मूल्यांकन, प्रगति सारांश देखने और प्रमाणपत्र डाउनलोड करने की सुविधा मिलेगी।
- लचीलापन: इससे शिक्षकों को कहीं भी और कभी भी सीखने का अवसर मिलेगा, जो उन्हें गुणवत्तापूर्ण अध्यापन के लिए मानकीकृत पाठ योजनाएँ तैयार करने में मदद करेगा।
- तकनीकी सहायता: शिक्षकों को मदद के लिए हेल्पलाइन और चैटबॉट आधारित सहयोग भी प्रदान किया जाएगा।
निदेशक SCERT वंदना गर्ब्याल का मानना है कि ‘उत्तराखंड हैकाथॉन’ और ई-मैगज़ीन ‘रतब्याणी’ जैसी पहलें शिक्षा की डिजिटल दिशा को मजबूती देंगी और शिक्षकों-विद्यार्थियों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएंगी।
डिजिटल एकीकरण और नवाचार
SCERT ने ऑनलाइन पाठ्यक्रम और उत्तराखंड हैकाथॉन शुरू कर डिजिटल एकीकरण की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ा है।
- उद्देश्य: इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों को नवाचार, तकनीकी समाधान और शोधपरक गतिविधियों की ओर प्रेरित करना है।
- ई-मैगज़ीन: SCERT की ई-मैगज़ीन (रतब्याणी) विद्यालय स्तर पर नवाचार, शोध और रचनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देगी।
शिक्षा सचिव रविनाथ रामन ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा है कि SCERT का शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को प्रभावी ढंग से जोड़ने का प्रयास राज्य के लिए गर्व की बात है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह पहल भविष्य की चुनौतियों से निपटने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में सहायक सिद्ध होगी।
इन तकनीकी संसाधनों को ज़मीनी स्तर पर सफल बनाने के लिए, अधिकारियों को इसमें रुचि लेनी होगी और इसका प्रचार-प्रसार हर विद्यालय में सुनिश्चित करना होगा।
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