हिमालय प्रहरी

जीएसटी की नई दरों पर हरीश रावत का बयान, ‘यह कदम बहुत पहले उठाना चाहिए था’

खबर शेयर करें -

देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने हाल ही में घोषित जीएसटी की नई दरों का स्वागत किया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह सुधार बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था। रावत ने इस कदम को अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक बदलाव बताया।


 

‘जीएसटी की दरें अर्थव्यवस्था को दबा रही थीं’

 

हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही जीएसटी के स्लैब को गलत बताती रही है, क्योंकि ये न सिर्फ अर्थव्यवस्था को बाधित कर रहे थे, बल्कि आम उपभोक्ताओं पर भी बोझ डाल रहे थे। उन्होंने कहा, “हमने उस समय भी कहा था कि जीएसटी की दरें और स्लैब गलत निर्धारित किए गए थे। इससे अर्थव्यवस्था ‘स्ट्रैंगुलेट’ हो रही थी और आम उपभोक्ता पर बोझ बढ़ रहा था। हमारे नेता ने इसे ‘गब्बर सिंह टैक्स’ का नाम दिया था, क्योंकि यह कई सालों तक लोगों को लूटता रहा।”

रावत ने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के चलते सरकार ने जीएसटी में सुधार की आवश्यकता को समझा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह कदम उपभोक्ता मांग को बढ़ाने, उत्पादन को प्रोत्साहित करने और अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद करेगा।


 

‘वोकल फॉर लोकल’ पर भी दी राय

 

जीएसटी के साथ ही, हरीश रावत ने ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान पर भी बात की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की वकालत करती रही है और यह देखकर अच्छा लग रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी भी अब इसी बात को दोहरा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने से छोटे और मध्यम उद्यमियों को भी सशक्त बनाया जा सकेगा।

अंत में, रावत ने सरकार से अपील की कि इन सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए ताकि आम उपभोक्ता और छोटे व्यवसायी इसका अधिकतम लाभ उठा सकें और ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना साकार हो सके।

Exit mobile version