नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सांसदों और विधायकों के आपराधिक मामलों की जल्द सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन पर राज्य सरकार से जवाब माँगा है। हाईकोर्ट ने सरकार को इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने के लिए 26 सितंबर तक का समय दिया है। अगली सुनवाई शुक्रवार, 26 सितंबर को होगी।
क्या है पूरा मामला?
देहरादून निवासी विकेश सिंह नेगी ने एक जनहित याचिका दायर कर हाईकोर्ट से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था कि उत्तराखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट के 6 नवंबर, 2023 के आदेश का पालन करे। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया था कि वे सांसदों और विधायकों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करें, ताकि सुनवाई में तेजी लाई जा सके।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि उत्तराखंड में सांसदों और विधायकों के कई आपराधिक मामले लंबित हैं, जिन पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया है और अभी तक कोई फास्ट ट्रैक कोर्ट नहीं बनाया है।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार ने कोर्ट से इस मुद्दे पर स्थिति से अवगत कराने के लिए समय माँगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
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