प्राप्त जानकारी अनुसार, रामनगर में स्थित बाल विकास परियोजना विभाग में रामनगर के दो लोगों ने ‘नंदा गौरा योजना’ के लिए आवेदन किया था, जिसके लिए आवेदन कर्ताओं ने सभी दस्तावेजों के साथ ही आय प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किए थे, जिस पर रामनगर बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने आवेदकों के दिए प्रपत्रों की जांच ( वेरीफिकेशन) किया तो उन्हें कुछ आशंका हुई, जिसके बाद उन्होंने इन प्रपत्रों की जांच तहसील कार्यालय रामनगर भेज दी, जिस पर तहसीलदार कुलदीप पांडे ने आवेदकों की और से लगाए गए आय प्रमाण पत्र की जांच की गई तो वो फर्जी निकले।
वही रामनगर तहसीलदार कुलदीप पांडे ने बताया कि मामले के तहत रामनगर के मोहल्ला खताड़ी निवासी फैजान पुत्र सगीर ने जो आय प्रमाण पत्र लगाया था, जब उस पर दर्ज क्रमांक की जांच की गई तो उस क्रमांक पर उत्तरकाशी के किसी शख्स नाम से यह आय प्रमाण पत्र जारी हुआ था, जबकि दूसरा आवेदन मोहल्ला गूलरघट्टी निवासी लइकुर रहमान का था, इस आय प्रमाण पत्र पर दर्ज क्रमांक की जांच की गई तो पता चला कि इस क्रमांक पर से उधम सिंह नगर के एक शख्स नाम पर यह प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
तहसीलदार कुलदीप पांडे ने बताया कि जांच में दोनों के ही आय प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए, इन प्रमाण पत्रों पर रामनगर तहसील के अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ करने के साथ ही रामनगर तहसीलदार के डिजिटल हस्ताक्षर भी फर्जी तरीके से किए गए हैं, उन्होंने बताया कि इस मामले में उन्होंने संबंधित लोगों के खिलाफ कोतवाली पुलिस में तहरीर सौंपी गई है, साथ ही अन्य मामलों की भी जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि यदि अन्य मामलों में भी इस प्रकार का कोई प्रकरण सामने आया तो उसमें भी कार्रवाई की जाएगी, तहसीलदार पांडे ने बताया कि फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, वहीं तहसीलदार की तहरीर पर पुलिस मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई में जुट गई है।
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