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उत्तराखंड में मुस्लिम छात्रवृत्ति घोटाले का खुलासा: 17 संस्थान रडार पर, ₹91 लाख का गबन, FIR की तैयारी

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देहरादून: उत्तराखंड में मुस्लिम युवाओं की छात्रवृत्ति पर ‘डाका’ डालने का एक बड़ा मामला जांच रिपोर्ट के जरिए सामने आने लगा है। प्रारंभिक जांच में प्रदेश के 17 शैक्षणिक संस्थान रडार पर आ गए हैं, जहाँ सैकड़ों छात्रों की छात्रवृत्ति के आंकड़ों में भारी विसंगतियाँ (मिसमैच) पाई गई हैं। यह केवल शुरुआत मानी जा रही है, क्योंकि विस्तृत जांच होने पर और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। उधर, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने इस जांच रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही एफआईआर दर्ज करवाने का मन भी बना लिया है।


92 में से 17 संस्थानों में गड़बड़ी मिली

ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के अनुसार, अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्ति को हड़पने के मामले में अब जांच पूरी कर ली गई है। इस जांच में प्रदेश के कुल 92 शिक्षण संस्थानों को शामिल किया गया था, जिनमें से करीब 17 संस्थानों में अल्पसंख्यक युवाओं की छात्रवृत्ति को लेकर गंभीर गड़बड़ी सामने आई है। यह मामला केवल उत्तराखंड तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने उत्तराखंड समेत देशभर के दूसरे कई राज्यों में भी इसी तरह की अनियमितता को लेकर राज्य सरकारों को जांच के निर्देश दिए थे।


जिलाधिकारियों को मिले थे जांच के निर्देश

उत्तराखंड में सभी 13 जिलों के जिलाधिकारियों को एसडीएम की अध्यक्षता में जांच समिति बनाकर जांच करवाने के लिए कहा गया था। इसके लिए लगभग एक महीने का वक्त दिया गया था, लेकिन जांच पूरी न हो पाने के कारण 10 जून को सचिव अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर अगले कुछ दिनों में जांच रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए थे।


₹91 लाख के गबन की पुष्टि, 4 जिले शामिल

अल्पसंख्यक कल्याण सचिव धीराज गर्ब्याल ने पुष्टि करते हुए बताया कि प्रदेश में सभी 13 जिलों के 92 शिक्षण संस्थानों की जांच रिपोर्ट शासन को मिल गई है। इस जांच में प्राथमिक दृष्टया कुल 1,058 छात्रों द्वारा गलत तरीके से छात्रवृत्ति लिए जाने का खुलासा हुआ है। ये छात्र 17 शैक्षणिक संस्थानों में रजिस्टर्ड बताए गए थे। फिलहाल, जांच में करीब 91 लाख रुपये की छात्रवृत्ति डकारने की पुष्टि हुई है।

राज्य में कुल 4 जिलों के शिक्षण संस्थानों में गड़बड़ी मिली है:

  • ऊधम सिंह नगर: 6 संस्थान
  • हरिद्वार: 7 संस्थान
  • नैनीताल: 2 संस्थान
  • रुद्रप्रयाग: 2 संस्थान

एफआईआर और आगे की कार्रवाई की तैयारी

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ऐसे शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की भी तैयारी कर रहा है। विभाग फिलहाल जांच रिपोर्ट का गहन परीक्षण करवा रहा है और इसमें फर्जीवाड़ा करने वाले कॉलेजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का मन बना लिया गया है।

भारत सरकार ने 17 जून यानी आने वाले 24 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट सबमिट करने का समय दिया है। ऐसे में एक दिन पहले ही अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को सभी जिलों से रिपोर्ट मिल गई है। इसके साथ ही अल्पसंख्यक कल्याण विभाग नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल में इससे जुड़ी जानकारी साझा करेगा।

गौरतलब है कि मई महीने में भारत सरकार ने उत्तराखंड को अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्ति से जुड़ी योजना में गड़बड़ी के संकेत दिए थे और इस पर जांच करने के निर्देश जारी किए थे। इसके बाद सचिव अल्पसंख्यक कल्याण धीराज सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर प्रकरण पर जांच के निर्देश दिए थे। अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्ति में गड़बड़ी का यह मामला 2021-22 और 2022-23 का है, जिसके लिए केंद्र की तरफ से जांच करने के निर्देश मिले हैं।


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