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कवि गोकुलानन्द जोशी की प्रेरणादायक रचना: ‘नशा मुक्त उत्तराखंड: युवा शक्ति का संकल्प’

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कवि गोकुलानन्द जोशी जी ने अपनी रचना के माध्यम से समाज को नशा-मुक्त उत्तराखंड बनाने का प्रबल संदेश दिया है। उन्होंने युवाओं से शिक्षा, सेवा और संस्कार की राह अपनाने का आह्वान किया है। यह कविता “सजग भारत” के संस्थापक श्री ललित जोशी जी द्वारा देहरादून, बागेश्वर, अल्मोड़ा आदि जिलों में चलाए गए नशा-मुक्ति अभियानों से प्रेरित है।


 

नशा मुक्त उत्तराखंड : युवा शक्ति का संकल्प

 

आओ नशे से दूर रहें,

उत्तराखंड को नशा-मुक्त बनाएं।

देवभूमि की पावन धरती को बढ़ावा दें,

युवाओं को नशे से सदा बचाएं।

आओ मिलकर उत्तराखंड को आगे बढ़ाएं,

यहाँ के युवक को नशे से मुक्त बनाएं।

दृढ़ संकल्प लें हम सब मिलकर,

नशे से मुक्त रहें हर जन मिलकर।

आओ मिलकर कल के युवाओं को बतलाएं,

जो बीत गया उसे सदा भूल जाएं।

हर विद्यालय–विद्यालय में संदेश ले जाएं,

हर बच्चे को यह सच्चाई समझाएं।

नशे से दूर हों, जीवन सुधारें,

अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाएं।

“सजग भारत” के संग मिलकर,

हर एक युवा को राह दिखलाएं।

चलो संकल्प के साथ बढ़ें,

सन् 2030 तक उत्तराखंड को नशा-मुक्त करें।

गाँव-गाँव, शहर-शहर अभियान चलाएं,

हर जिले को नशा-मुक्त बनाएं।

आने वाले समय में जब खड़ा हो युवा,

तो हर देशवासी को हो उस पर गर्व।

आओ हाथ से हाथ मिलाएं,

उत्तराखंड के हर युवक को नशा-मुक्त बनाएं।


✍️ लेखक – गोकुलानन्द जोशी

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