उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने संगठन में नई ऊर्जा भरने की तैयारी में जुट गई है। पार्टी इसी महीने अपने सभी छह प्रमुख मोर्चों के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने जा रही है। साथ ही, प्रदेश पदाधिकारियों के नामों की घोषणा भी जल्द ही किए जाने की उम्मीद है।
⏳ लंबित नियुक्तियाँ जल्द होंगी पूरी
- मोर्चे: भारतीय जनता युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा।
- वर्तमान स्थिति: मोर्चों के प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा पहले ही हो चुकी है, लेकिन उनकी जिला और प्रदेश स्तरीय टीमें (पदाधिकारी) अभी बननी बाकी हैं।
- गति का कारण: सूत्रों के अनुसार, पार्टी का ध्यान अब तक बिहार विधानसभा चुनाव पर केंद्रित था। चुनाव समाप्त होते ही इन नेताओं के वापस लौटने पर उत्तराखंड संगठन में लंबित नियुक्तियों की प्रक्रिया तेज की जाएगी।
- लक्ष्य: भाजपा नेतृत्व का लक्ष्य है कि नवंबर के अंत तक सभी मोर्चों की जिला और प्रदेश स्तरीय टीमों का गठन पूरा कर लिया जाए, ताकि जमीनी स्तर पर तेजी से काम शुरू किया जा सके और 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी हो सके।
🛠️ संगठनात्मक मजबूती पर ध्यान
- जिले: भाजपा के प्रदेश में कुल 19 संगठनात्मक जिले हैं। प्रत्येक जिले में मोर्चों के अध्यक्षों की नियुक्ति के साथ जिला स्तरीय इकाइयों का गठन किया जाएगा।
- उद्देश्य: इस कवायद के माध्यम से पार्टी आगामी निकाय और लोकसभा चुनावों से पहले अपनी संगठनात्मक जड़ें और मजबूत करना चाहती है।
- चयन का आधार: पार्टी सूत्रों का कहना है कि चयन में संगठनात्मक अनुभव, क्षेत्रीय संतुलन और कार्यकर्ताओं की सक्रियता को प्रमुखता दी जाएगी।
💬 महामंत्री का बयान
भाजपा के प्रदेश महामंत्री तरुण बंसल ने कहा, “मोर्चों के जिला अध्यक्षों और प्रदेश पदाधिकारियों के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। बहुत जल्द इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी।”
पार्टी इस कवायद को अपने आगामी चुनावी मिशन की तैयारी के रूप में देख रही है।
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