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छात्र संघ चुनाव: राज्य सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय पर टाला दारोमदार, कहा- ‘हमारा दायित्व नहीं’

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देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध डीएवी सहित सभी नौ सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव कराना उसकी जिम्मेदारी नहीं है। सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से दूरी बनाते हुए इसका दायित्व संबंधित विश्वविद्यालय और महाविद्यालय प्रशासन पर छोड़ दिया है।


 

डीएवी समेत नौ कॉलेजों में चुनाव को लेकर सरकार ने झाड़ा पल्ला

 

उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने इस संबंध में केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव और यूजीसी को पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि ये सभी कॉलेज केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं, और उनकी सभी शैक्षणिक व प्रशासनिक गतिविधियाँ विश्वविद्यालय के नियमों और कैलेंडर के अनुसार ही संचालित होती हैं। इसलिए, लिंगदोह समिति की सिफारिशों के तहत छात्र संघ चुनाव कराने की जिम्मेदारी भी विश्वविद्यालय की ही है। सरकार के इस फैसले से छात्रों में असंतोष बढ़ सकता है, क्योंकि सरकार ने दूसरी बार चुनाव कराने से इनकार किया है।


 

नियमों का हवाला देकर सरकार ने स्पष्ट की स्थिति

 

डॉ. सिन्हा ने तर्क दिया कि केंद्रीय विवि अधिनियम, 2009 की धारा-4 (एफ) के तहत गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के संपूर्ण रख-रखाव की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की है। इसमें प्रवेश, परीक्षाएँ, परिणाम, शिक्षकों की नियुक्ति और प्रशासनिक कार्य शामिल हैं। उन्होंने साफ कहा कि छात्र संघ चुनाव कराना राज्य सरकार का नहीं, बल्कि संबद्ध विश्वविद्यालय और कॉलेज प्रशासन का काम है। इस पत्र के बाद अब केंद्रीय विश्वविद्यालय को इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेना होगा।

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