राजकीय मेडिकल कॉलेज में जूनियर विद्यार्थियों, पीजी विद्यार्थियों के छात्रावास हैं। यहां पर तीनों ही वर्गों में अलग-अलग मेस का संचालन किया जाता है। विद्यार्थियों ने छात्रावास अधीक्षक से कई बार शिकायत करी कि तीनों ही मेस में खाने की गुणवत्ता खराब है। शिकायत प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी तक भी पहुंच गई। इस पर मंगलवार की दोपहर को अचानक प्राचार्य ने जूनियर छात्रों के मेस का औचक निरीक्षण किया। यहां उनका माथा ठनक गया। देखा कि फ्रिज में सोमवार को बनाया गया पनीर और सोया चॉप स्टोर करके रखा हुआ है। इसके अलावा एक कड़ाही में तेल डालकर प्याज भूना जा रहा है, जिससे दुर्गंध उठ रही है और साथ ही प्याज पूरी तरह से काला पड़ गया है।
प्राचार्य ने इसकी सूचना खाद्य सुरक्षा विभाग को दी। सूचना मिलते ही कुछ देर में वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी अभय कुमार सिंह यहां पहुंच गए। सबसे पहले उन्होंने जूनियर छात्रों के मैस का निरीक्षण किया। तो यहां पर एक्सपाइरी डेट का दूध फ्रिज में मिला। मैस प्रबंधक मोहित को कोई जबाव देते नहीं बना। यहां से खाद्य सुरक्षा विभाग ने पनीर व तेल का सैंपल लिया। इसके बाद गर्ल्स हॉस्टल के मेस पहुंचे तो यहां भी यही हाल थे। यहां एक्सपाइरी चावल मिला। मेस संचालक सरस्वती देऊपा का फूड लाइसेंस भी नहीं था। यहां से भी खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए। पीजी छात्रावास के मेस में एक्सपाइरी तिथि के मसाले मिले। वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि तीनों ही मेस संचालकों पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया जाएगा। साथ ही जो भी सैंपल जांच के लिए रुद्रपुर भेजे जा रहे हैं, उनकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।