दोपहर करीब 12:30 बजे अचानक तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हुई। देखते ही देखते मैदान में खड़े विशालकाय पुतले भीग गए। आतिशबाजी का बड़ा स्टॉक भी पानी में खराब हो गया। इधर दशहरा पर्व के दिन भारी बरसात हो जाने के कारण आयोजकों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ झलकने लगीं। बारिश से मौसम तो खुशनुमा हो गया, लेकिन दशहरे की तैयारियों में जुटे लोगों का उत्साह ठंडा पड़ गया।
मेरठ से आए पुतला कलाकार मेहबूब ने बताया कि वह तीन पीढ़ियों से काशीपुर में दशहरे के पुतले बना रहे हैं। इस बार भी उनकी 8-10 लोगों की टीम ने करीब 20 दिन की मेहनत से रावण और कुंभकरण के पुतले तैयार किए थे। लेकिन बारिश से उनका काफी नुकसान हो गया। उन्होंने कहा कि अगर मौसम ने फिर साथ न दिया तो पुतलों के दहन में दिक्कत आ सकती है।
मैदान में मौजूद दर्शकों ने भी बारिश से बिगड़ी तैयारियों पर निराशा जताई। लोगों का कहना था कि पूरे साल इस मेले का इंतजार रहता है, लेकिन बारिश ने मजा किरकिरा कर दिया। हालांकि, बच्चों में अब भी रावण दहन देखने को लेकर उत्सुकता बनी हुई है।
आयोजन समिति ने बताया कि शाम सात बजे से आतिशबाजी का कार्यक्रम शुरू करने की योजना थी, इसके बाद राम-रावण युद्ध का मंचन और पुतला दहन होना था। लेकिन अब बारिश की वजह से कार्यक्रम का समय आगे-पीछे हो सकता है।
इधर, पुलिस प्रशासन ने मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी तैयारी कर रखी है। कोतवाल हरेंद्र चौधरी ने बताया कि मैदान और उसके आसपास पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। शाम को चीमा चौराहा और एमपी चौक से रामलीला मैदान की ओर बड़े वाहनों का प्रवेश पूरी तरह बंद रहेगा।
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