कोटद्वार: प्रखंड रिखणीखाल के अंतर्गत ग्रामसभा अमलेशा के तोकग्राम डाल्यूंगाज में बाघ के हमले में एक 60 वर्षीय महिला की दर्दनाक मौत हो गई। महिला अपने घर के समीप ही मवेशियों के लिए चारापत्ती काट रही थी, तभी घात लगाकर बैठे बाघ ने उन पर हमला कर दिया।
🚨 घटना का विवरण
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पीड़िता: उर्मिला देवी (60 वर्ष) पत्नी राजेंद्र सिंह, निवासी डाल्यूंगाज, अमलेशा।
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समय: शुक्रवार की शाम करीब पाँच बजे।
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घटनाक्रम: उर्मिला देवी अपनी बहू प्रिया के साथ घर के समीप चारापत्ती काट रही थीं। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर प्रिया घर वापस आ गईं। जब उर्मिला देवी चारापत्ती उठाने लगीं, तो बाघ ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें घसीटता हुआ घटनास्थल से करीब पचास मीटर दूर ऊपर वाले खेत में ले गया।
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पता चला: काफी देर तक सास के वापस न आने पर बहू प्रिया उन्हें ढूंढने खेत में पहुँची। उन्होंने देखा कि उनकी सास कुछ दूरी पर पड़ी हुई थीं और समीप ही बाघ बैठा हुआ था।
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बाघ भागा: प्रिया का शोर सुनकर अन्य ग्रामीण मौके पर पहुँचे, जिसके बाद बाघ जंगल की ओर चला गया।
🏛️ प्रशासन और विधायक की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट वन प्रभाग की पलेन रेंज की टीम मौके पर पहुँची और महिला के शव को घर लाया गया।
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वन विभाग: प्रभागीय वनाधिकारी तरूण एस. ने बताया कि ग्रामीणों के अनुसार किसी बड़े जानवर को देखा गया है, लेकिन वह गुलदार है अथवा बाघ, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
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विधायक का आरोप: मौके पर पहुँचे क्षेत्रीय विधायक दिलीप सिंह रावत ने बताया कि उर्मिला देवी पर बाघ ने ही हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि लंबे समय से वन कानूनों में राज्य की भौगोलिक परिस्थिति के अनुरूप ढील देने की मांग की जा रही है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है, जिसके चलते पूरे प्रदेश में आए दिन मानव-वन्य जीव संघर्ष की घटनाएँ सामने आ रही हैं।
