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हल्द्वानी में साइबर ठगी के दो बड़े मामले: सेवानिवृत्त बैंककर्मी और युवक ₹5 लाख से अधिक गंवा बैठे

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हल्द्वानी: साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं, और अब पढ़े-लिखे लोग भी इनके जाल में फंस रहे हैं। हल्द्वानी से साइबर ठगी के दो गंभीर मामले सामने आए हैं, जिनमें पीड़ितों ने कुल ₹5 लाख से अधिक की रकम गंवा दी है।


 

मामला 1: सेवानिवृत्त बैंककर्मी के खातों से ₹2.44 लाख साफ

 

कालोनी बिठौरिया, कुसुमखेड़ा, मुखानी निवासी विनीत भेटीवाल ने पुलिस को बताया कि उनके पिता गंगाराम आर्या, जो पंजाब नेशनल बैंक से सेवानिवृत्त हैं, साइबर ठगों का शिकार हो गए। गंगाराम आर्या अपने नए मोबाइल में पीएनबी वन एप्लिकेशन डाउनलोड करने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान, उन्हें एक व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद को बैंक प्रतिनिधि बताया।

जालसाज ने उनसे व्हाट्सएप पर ऐप से जुड़ी जानकारी साझा करने को कहा। गंगाराम आर्या ने मांगी गई सभी जानकारी और अंत में ओटीपी भी साझा कर दी। शाम को जब उन्होंने अपना फोन चेक किया तो पाया कि उनके तीनों बैंक खातों से ₹2 लाख 44 हजार गायब थे। मुखानी थानाध्यक्ष दिनेश जोशी ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर मामले को साइबर क्राइम थाने में ट्रांसफर कर दिया गया है।


 

मामला 2: टेलीग्राम पर टास्क रेटिंग के नाम पर ₹2.55 लाख की ठगी

 

काठगोदाम थानाक्षेत्र में एक अन्य घटना सामने आई है, जहाँ मित्रपुरम, जवाहर ज्योति, दमुवाढूंगा निवासी ललित कुमार आर्या को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर ‘टास्क रेटिंग’ का झांसा देकर ₹2 लाख 55 हजार 100 ठग लिए गए।

ललित कुमार आर्या ने पुलिस को बताया कि बीते सितंबर में उन्हें टेलीग्राम ऐप पर ‘टास्क रेटिंग’ देने को कहा गया था, जिसमें अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर करने थे। उन्हें बताया गया था कि इसके बदले उन्हें अतिरिक्त पैसे मिलेंगे। उन्होंने पैसे ट्रांसफर तो किए, लेकिन उनके खाते में पैसे वापस नहीं आए। जब उन्होंने शिकायत की, तो उनसे कहा गया कि उन्हें खाते में और पैसे डालने होंगे, तभी पैसे वापस आएंगे। जब तक ललित को यह जालसाजी समझ में आती, तब तक उनके साथ ₹2 लाख 55 हजार 100 की ठगी हो चुकी थी। उन्होंने घटना के 24 घंटे के भीतर शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन पैसे वापस नहीं मिले। काठगोदाम थानाध्यक्ष पंकज जोशी ने बताया कि मामले में तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

ये घटनाएँ दर्शाती हैं कि साइबर ठग कितने सक्रिय हैं और लोगों को ऑनलाइन वित्तीय लेन-देन में बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है।

क्या आप साइबर ठगी से बचने के तरीकों के बारे में जानना चाहेंगे?


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