उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने समूह-ग की परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक मास्टर प्लान तैयार किया है। हालिया परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों के बाद, आयोग ने अब परीक्षाओं का लाइव टेलीकास्ट करने, जैमर की जाँच सख्त करने और बायोमेट्रिक हाजिरी को अनिवार्य करने का बड़ा फैसला लिया है।
1. लाइव टेलीकास्ट और सीधी निगरानी
- कंट्रोल रूम: आयोग अपने कार्यालय में एक मुख्य नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) स्थापित करेगा।
- निगरानी: इस कंट्रोल रूम से प्रत्येक परीक्षा केंद्र की गतिविधियों पर सीधी नजर रखी जाएगी, क्योंकि हर केंद्र से लाइव फीड आयोग को भेजी जाएगी। इससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या तकनीकी गड़बड़ी को तुरंत पकड़ा जा सकेगा।
2. जैमर की सुरक्षा और जाँच पर विशेष ध्यान
तकनीकी सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए, आयोग ने जैमर संबंधी पिछली कमियों को दूर करने के लिए ये कदम उठाए हैं:
- अनिवार्य जाँच: अब हर परीक्षा से एक दिन पहले जैमर की जाँच की जाएगी।
- तत्काल बदलाव: अगर किसी जैमर में कमी पाई जाती है, तो उसे तुरंत बदल दिया जाएगा।
- नेटवर्क सुरक्षा: यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि पिछली बार कुछ 4G जैमर 5G नेटवर्क को ब्लॉक नहीं कर पाए थे। आयोग इस समस्या के समाधान के लिए 27 और 28 अक्टूबर को एक अहम बैठक भी बुला रहा है।
3. सख्त सुरक्षा व्यवस्था और हाजिरी प्रक्रिया
- परीक्षा केंद्र के गेट पर हाजिरी: परीक्षार्थियों की हाजिरी अब परीक्षा केंद्र के गेट पर ही बायोमेट्रिक उपस्थिति और चेकिंग के माध्यम से ली जाएगी, ताकि केंद्र के अंदर अनियमितता न हो।
- बाहरी व्यक्तियों पर रोक: आयोग की नई व्यवस्था के तहत, अब कोई भी बाहरी व्यक्ति (किसी भी विभाग का हो) परीक्षा केंद्र के अंदर नहीं जा पाएगा। केवल अभ्यर्थी और केंद्र का पर्यवेक्षक ही प्रवेश कर पाएंगे।
- संयुक्त निरीक्षण: परीक्षा से पहले, पुलिस और मजिस्ट्रेट की टीम द्वारा प्रवेश/निकास द्वार, दीवारों की ऊंचाई और परिसर की सुरक्षा का संयुक्त निरीक्षण किया जाएगा।
- जवाबदेही: आयोग के अध्यक्ष जी.एस. मार्तोलिया ने बताया कि जैमर, सुरक्षा व्यवस्था और अन्य तैयारियों की जिम्मेदारी अब सेक्टर मजिस्ट्रेट, परीक्षा केंद्र समन्वयक और पर्यवेक्षक पर होगी, जिन्हें हर परीक्षा के बाद विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी।
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