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उत्तराखंड: चुनाव आयोग ने 11 और राजनीतिक दलों को किया डीलिस्ट, 2 को नोटिस

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देहरादून: भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड में पंजीकृत 11 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPP) को डीलिस्ट कर दिया है। यह कार्रवाई इन दलों द्वारा लोकसभा और विधानसभा चुनावों में लगातार निष्क्रिय रहने के कारण की गई है। इससे पहले, 9 अगस्त को भी 6 दलों को डीलिस्ट किया गया था। इसके साथ ही, दो अन्य दलों को नोटिस भी जारी किया गया है।


 

डीलिस्टिंग की वजह: चुनाव में प्रतिभाग न करना

 

भारत निर्वाचन आयोग ऐसे राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई करता है, जो चुनाव आयोग में पंजीकृत होने के बाद भी चुनावी प्रक्रिया में सक्रियता नहीं दिखाते। ये दल न तो लोकसभा या विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेते हैं और न ही आयोग को अपनी वार्षिक रिपोर्ट सौंपते हैं। इन 11 दलों को 2019 के बाद से किसी भी चुनाव में हिस्सा न लेने के कारण डीलिस्ट किया गया है। इन दलों को 30 दिन के भीतर अंतिम अपील करने का मौका दिया गया है।

 

दो दलों को नोटिस

 

चुनाव आयोग ने भारतीय सर्वोदय पार्टी और उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी को नोटिस जारी कर 13 अक्टूबर 2025 तक अपना पक्ष रखने को कहा है। इन दलों ने पिछले 6 सालों में चुनाव में हिस्सा तो लिया, लेकिन वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट और चुनाव खर्च का ब्यौरा आयोग में जमा नहीं कराया है।


 

19 सितंबर को डीलिस्ट किए गए 11 दल:

 

  1. भारत कौमी दल
  2. भारत परिवार पार्टी
  3. भारतीय मूल निवासी समाज पार्टी
  4. भारतीय सम्राट सुभाष सेना
  5. भारतीय अन्त्योदय पार्टी
  6. भारतीय ग्राम नगर विकास पार्टी
  7. गोरखा डेमोक्रेटिक फ्रन्ट
  8. पीपल्स पार्टी
  9. प्रजातन्त्र पार्टी ऑफ इण्डिया
  10. सुराज सेवा दल
  11. उत्तराखंड जनशक्ति पार्टी

 

9 अगस्त को डीलिस्ट किए गए 6 दल:

 

  1. भारतीय जनक्रान्ति पार्टी
  2. हमारी जनमंच पार्टी
  3. मैदानी क्रान्ति दल
  4. प्रजा मण्डल पार्टी
  5. राष्ट्रीय ग्राम विकास पार्टी
  6. राष्ट्रीय जन सहाय दल
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