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उत्तराखंड पंचायत चुनाव: यहां BJP का बड़ा सियासी दांव, कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार को बनाया अपना प्रत्याशी

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उत्तराखंड पंचायत चुनावों के आखिरी चरण में बीजेपी अपने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. कांग्रेस के प्रत्याशियों को भी अपने पाले में लाने की कोशिश जारी है. ऐसा ही एक नाटकीय घटनाक्रम टिहरी में देखने को मिला.


 

टिहरी में बीजेपी का बड़ा सियासी दांव

 

टिहरी जिले में बीजेपी ने अपनी प्रत्याशी सोना सजवाण को निर्दलीय उम्मीदवार ऐश्वर्या सजवाण के सामने कमजोर पड़ता देखा. इस स्थिति में, बीजेपी ने अपनी रणनीति बदल दी. नाम वापसी की अंतिम तारीख को बीजेपी ने अपनी प्रत्याशी सोना सजवाण का नाम वापस करवा दिया और कांग्रेस समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी ऐश्वर्या सजवाण को ही अपना आधिकारिक प्रत्याशी घोषित कर दिया. इस कदम से कांग्रेस की जीत की उम्मीदें खत्म हो गईं.


 

बीजेपी का निर्विरोध जीत का दावा

 

बीजेपी प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने दावा किया कि पार्टी लगातार बढ़त बना रही है. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में चार जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध जीत चुके थे, और अब यह संख्या बढ़कर पांच हो गई है. इसी तरह, 11 ब्लॉक प्रमुखों की निर्विरोध जीत की संख्या भी अब 17 हो चुकी है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी निर्विरोध चुने गए प्रत्याशियों को बधाई दी और इसे संगठन की मजबूती और जनता के विश्वास का प्रमाण बताया.


 

कांग्रेस ने लगाया नैतिकता और लोकतंत्र की हत्या का आरोप

 

कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने बीजेपी पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी सिर्फ चुनाव जीतने के लिए साम, दाम, दंड, भेद की राजनीति कर रही है और इसके लिए नैतिकता के निचले स्तर पर उतर रही है. उन्होंने बीजेपी पर आपदा के समय राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप भी लगाया.


 

वरिष्ठ पत्रकार की राय

 

वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप राणा ने कहा कि राजनीति में चुनाव जीतना ‘साम, दाम, दंड, भेद’ का खेल है. उन्होंने यह भी कहा कि इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों ने अच्छा प्रदर्शन किया है और अब बोर्ड बनाने में उनकी अहम भूमिका देखी जा रही है. हालांकि, बीजेपी संगठनात्मक रूप से ज्यादा मजबूत नजर आ रही है.


 

किन जिलों में है कड़ी टक्कर?

 

कुलदीप राणा के अनुसार, देहरादून और ऊधमसिंह नगर में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर है. वहीं, चमोली, रुद्रप्रयाग और पौड़ी गढ़वाल जैसे पहाड़ी जिलों में कांग्रेस की स्थिति थोड़ी बेहतर है, लेकिन बीजेपी लगातार अपनी रणनीतिक चालों से कांग्रेस के मुंह से जीत छीन रही है.

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