देहरादून: उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक बड़े नेता पर अपने बेटे को सरकारी विभाग में नियमों को ताक पर रखकर संविदा पर नौकरी दिलाने का गंभीर आरोप लगाया है। संघ के अध्यक्ष ने दावा किया है कि इस पूरे मामले का खुलासा आज (बुधवार को) किया जाएगा।
बेरोजगार संघ के मुख्य आरोप
- आरोपी: एक विधायक स्तर के भाजपा नेता।
- लाभार्थी: नेता का पुत्र।
- पद: संविदा पर जेई (Junior Engineer) का पद।
- वेतन: ₹35,000 प्रति माह की नौकरी।
- नियमों का उल्लंघन: संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि नेता ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए बिना किसी परीक्षा या साक्षात्कार के बेटे को नियुक्ति दिलवाई है, जो सरकार द्वारा निर्धारित संविदा नियुक्ति के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
भ्रष्टाचार और पक्षपात का आरोप
संघ अध्यक्ष राम कंडवाल ने इसे भ्रष्टाचार और पक्षपात का स्पष्ट उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि:
“बेरोजगार युवा वर्षों से नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जबकि नेताओं के परिजनों को सीधे नियुक्तियां दी जा रही हैं। यह स्थानीय युवाओं के साथ अन्याय है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पहले भी कुछ बाहरी राज्यों (विशेष रूप से राजस्थान) से आए लोगों को उत्तराखंड में संविदा पर नौकरी देकर बाद में स्थायी किया गया है।
आगामी कार्रवाई
राम कंडवाल ने घोषणा की कि बेरोजगार संघ आज (बुधवार को) इस पूरे मामले का विस्तृत खुलासा करेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस मामले की जाँच नहीं करवाई, तो संघ राज्यव्यापी आंदोलन करेगा।
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