बताया जा रहा है प्रीपेड मीटर को लेकर विधायक बेहड़ का यह आक्रामक रूप समीक्षा बैठक में भी देखने को मिला।बेहड़ जितना प्रदेश की सरकार पर गरजे, उतना ही उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को भी कोसा।यही नही उन्होंने कांग्रेस पार्टी और उनके कार्यकर्ताओ को एक नई ऊर्जा देने के लिए रुद्रपुर से लेकर प्रदेश तक के नेतृत्व में बदलाव की मांग कर डाली। बेहड़ सिर्फ सत्ता को नहीं ललकार रहे बल्कि अपने संगठन के नेताओं को भी खुलकर चुनौती दे रहे हैं। बेहड़ के आक्रामक तेवर ने विपक्ष और पार्टी में ही उनके विरोधियों में हलचल पैदा कर दी है।किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ की गिनती तराई के आक्रामक नेताओं में रही है। बदली राजनीतिक परिस्थितियों में तेवर नरम पड़े थे। दस साल राजनीतिक वनवास के बाद किच्छा से विधायक बने तो कई जनहित के मुद्दों पर हुंकार भरी। इधर निकाय चुनाव में स्मार्ट मीटर का मुद्दा आक्रामक ढंग से उठाया और संगठन से भी स्मार्ट मीटर की खिलाफत करने का आह्वान किया था।
चुनाव में हार के बावजूद बेहड़ ने न सिर्फ मीटर का मुद्दा गरमाए रखा बल्कि सोमवार को अपने विधानसभा क्षेत्र में मीटर लगाने वालों का मुखर विरोध कर मीटर तोड़ डाला। उनके तेवरों के बाद न सिर्फ तराई के खटीमा और बाजपुर बल्कि रामनगर में कांग्रेस ने स्मार्ट मीटर का विरोध जताया।एकाएक बेहड़ की आक्रामक राजनीति ने भविष्य को लेकर तमाम इशारे कर दिए। बेहड़ का कहना है कि लगातार जनता के मुद्दों पर अधिकारी उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं। स्मार्ट मीटर गरीबों के घरों में डरा धमकाकर लगाने की कोशिश हो रही थी, जिसका विरोध किया गया। वे जनहित में मुकदमे और जेल जाने से नहीं डरते हैं। जहां तक संगठन में विरोध की बात है तो वे हमेशा गलत का विरोध करते रहे हैं। ये विरोध आगे भी जारी रहेगा।
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