खुशखबरी – जिला विकास प्राधिकरण समाप्त, 2016 से पूर्व के रहेंगे नियम

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देहरादून: पर्वतीय क्षेत्रों में भवन निर्माण के लिए मानचित्र स्वीकृत करने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने कार्यभार संभालते ही जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए है।
बता दें कि वर्ष 2016 में सरकार द्वारा जिला विकास प्राधिकरण का गठन किया गया था। जिसके बाद से ही पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों में घर व अन्य व्यवसायिक भवन बनाने में ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। ग्रामीण लंबे समय से जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त करने की मांग कर रहे थे। जिसको लेकर पूर्व में बंशीधर भगत मुख्यमंत्री के सामने इस समस्या को रख चुके थे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त करने की घोषणा भी की थी। लेकिन वह अभी तक धरातल पर नहीं आ सका था। इधर नवनियुक्त शहरी विकास व आवाज मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि जिला विकास प्राधिकरण से पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों में लागू किया गया जिला विकास प्राधिकरण व्यावहारिक था। ग्रामीणों को भवन बनाने में काफी दिक्कतों के साथ ही आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा था। जिस को समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री ने पहले ही घोषणा कर दी थी। जिला विकास प्राधिकरण के समाप्त होने से पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को काफी फायदा मिलेगा। इसलिए सरकार ने आम जनता की सुविधाओं को देखते हुए यह निर्णय लिया है।
शहरी विकास मंत्री ने कार्यभार संभालते ही बुधवार को जनता के हितों को देखते हुए सबसे पहले जिला विकास प्राधिकरण के समाप्त करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए। कहां की सरकार जनता के लिए है। इसलिए जनता के हित ही सर्वोपरि है। सरकार का प्रयास है कि वह राज्य के प्रत्येक व्यक्ति के चेहरे पर खुशी का भाव देखना चाहती है। इधर जिला विकास प्राधिकरण के समाप्त होने से पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस लेते हुए सरकार व शहरी विकास व आवास मंत्री का आभार व्यक्त किया है।