चमोली में हुए ग्लेशियर हादसे पर उमा भारती ने केंद्र सरकार को ही किया कटघरे में खड़ा, दिया यह बड़ा बयान

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उत्तराखंड के चमोली में हुए ग्लेशियर हादसा पर बड़ा बयान देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री उमाा भारती ने कहा है कि उनके मंत्री रहते हुए मंत्रालय ने हिमालय क्षेत्र में नदियों पर पॉवर प्रोजेक्ट निर्माण को लेकर चेतावनी दी थी। ऐसे में यह घटना एक बड़ी चेतावनी है। उमा भारती इस समय हरिद्वार में हैं। उमा के बयान के बाद ग्लैशियर हादसे को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। इस तरह की परियोजनाओं में केंद्र सरकार की अनुमति अहम मानी जाती है। ऐसे में मंत्री रहते उमा भारती के ऐतराज को नजरअंदाज करने का केंद्र पर आरोप लग रहा है

उमा भारती के बयान से पहले कुछ वैज्ञानिकों ने भी हिमालयी क्षेत्र में इस तरह की जल परियोजनाएं नहीं शुरू करने की सलाह दी है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्दी ही राज्य में बाकी चल रही जल विद्युत परियोजनाओं की समीक्षा करेगी। साथ ही कुछ परियोजनाओं को वैज्ञानिकों की सलाह पर रोका भी जा सकता है।

भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी आदि जिलो में रहने वाले लोगों से आपदा पीड़ितों की मदद करने की अपील की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने अपने एक बयान में कहा, कल मैं उत्तरकाशी में थी आज हरिद्वार पहुंची हूं। हरिद्वार में भी अलर्ट जारी हो गया है यानी की तबाही हरिद्वार आ सकती है। यह हादसा जो हिमालय में ऋषि गंगा पर हुआ यह चिंता एवं चेतावनी दोनो का विषय है।

उमा भारती ने कहा, जब मैं मंत्री थी, तब अपने मंत्रालय की तरफ से हिमालय उत्तराखंड के बांधो के बारे में दिए एफिडेविट में यही आग्रह किया था कि हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है, इसलिए गंगा एवं उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पॉवर प्रोजेक्ट नही बनने चाहिए। तथा इससे उत्तराखंड की जो 12 प्रतिशत की क्षति होती है वह नेशनल ग्रिड से पूरी कर देनी चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “जोशीमठ से 24 किलोमीटर दूर ग्लेशियर फटने से ऋषि गंगा पर बना हुआ पावर प्रोजेक्ट जोर से टूटा। मैं गंगा मैया से प्रार्थना करती हूं कि सबकी रक्षा करें। मैं इस दुर्घटना से बहुत दुखी हूं। उत्तराखंड देवभूमि है। वहां के लोग बहुत कठिनाई का जीवन जीकर तिब्बत से लगी सीमाओं की रक्षा के लिए सजग रहते है