मैं बुरी मां हूं मुझे कभी याद मत करना

जेल से मैं मिलने आए ताज से बोली उसकी मां शबनम

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अमरोहा: 14 अप्रैल 2008 को प्रेमी के साथ मिलकर 10 माह के मासूम भतीजे समेत सात परिजनों को कुल्हाड़ी से काटकर जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने वाली सबनम अपने बेटे ताज से बेइंतहा प्यार करती है। सबनम कुछ दिन पूर्व रामपुर जेल में मिलने आये ताज से लिपटकर खूब रोई। और बेटे से बोली कि पढ़लिख कर बड़ा आदमी बनना, में बुरी हु मुझे याद मत करना।
बता दे कि अमरोहा की शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने शिक्षक पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस, राशिद, भाभी अंजुम और दस महीने का भतीजे अर्श को कुल्हाड़ी से काटकर मौत की नींद सुला दिया। न्यायालय द्वारा रामपुर जेल में बंद प्रेमी युगल को फांसी की सजा सुनाई थी। प्रेमी युगल के दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद उनका फांसी में लटकना तय है। देश के आजाद होने के बाद पहली बार किसी महिला अपराधी को फांसी देने की तैयारी चल रही है। हालांकि फांसी लगाने की तिथि तय नहीं है।
इधर 2008 में जेल जाते समय शबनम गर्भवती थी। वर्तमान में उसका बेटा 13 साल का हो चुका है। वह बुलंदशहर के सुशील विहार कॉलोनी में रहने वाले पत्रकार उस्मान सैफी के संरक्षण में पल रहा है। एक दिन पूर्व शबनम के बेटे ताज ने तख्ती पर “राष्ट्रपति अंकल जी, मेरी मां को माफ कर दो।” लिखकर राष्ट्रपति से दया याचना की है। इधर कुछ दिन पूर्व सबनम के बेटे के संरक्षक पत्रकार उस्मान सैफी ताज को लेकर उसकी मां से मिलवाने के लिए जेल में ले गए। उस्मान सैफी ने बताया कि शबनम अपने बेटे से लिपट कर फफक फफक कर रोने लगी। इस दौरान उसने अपने बेटे को सुनते हुए पढ़लिख कर बड़ा आदमी बनने को कहा। यह भी कहा कि में बुरी मां हूं मुझे कभी याद मत करना। शबनम ने बेटे को टॉफी और कुछ रुपये भी दिए।