देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के किसानों के लिए ‘महक क्रांति’ नाम से एक नई महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस नीति को हरी झंडी दी गई। सरकार का लक्ष्य इस योजना के माध्यम से राज्य में सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा देना और 91 हजार लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।
80% तक अनुदान का प्रावधान
राज्य के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि इस नीति के तहत अगले दस वर्षों में सुगंधित फसलों का टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1179 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के पहले चरण में 22,750 हेक्टेयर भूमि पर काम किया जाएगा।
इस नीति में किसानों के लिए अनुदान का भी प्रावधान है:
- एक हेक्टेयर तक की खेती पर: 80% अनुदान
- एक हेक्टेयर से अधिक की खेती पर: 50% अनुदान
रोजगार और पलायन रोकने में मिलेगी मदद
‘महक क्रांति’ से 2.27 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित होने की उम्मीद है, जिससे राज्य से पलायन रोकने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा, 500 से अधिक छोटे और मध्यम स्तर के प्रसंस्करण संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। यह योजना किसानों को ग्लोबल कार्बन ट्रेडिंग से भी जोड़ेगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। यह मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने और मिट्टी के कटाव को रोकने में भी सहायक होगी।
ये हैं पात्रता के नियम
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान या किसान समूह के पास न्यूनतम 5 नाली (0.1 हेक्टेयर) भूमि का स्वामित्व या 10 साल का पट्टा अधिकार होना अनिवार्य है। योजना के तहत, चमोली, अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़, हरिद्वार और देहरादून जैसे विभिन्न जिलों में विशेष सुगंधित पौधों के लिए ‘वैली’ (घाटी) विकसित की जाएंगी।



अपने मोबाइल पर ताज़ा अपडेट पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें