यहां पुलिस ने बांग्लादेशियों को अवैध तरीके से भारत में बसाने में शामिल एक बड़े रैकेट का किया पर्दाफाश,एक मर्डर केस से खुला इतना बड़ा मामला

Here the police exposed a big racket involved in illegally settling Bangladeshis in India, such a big case was exposed from a murder case

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राजू अनेजा, दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने एक मर्डर केस की जांच के दौरान बांग्लादेशियों को अवैध तरीके से भारत में बसाने में शामिल एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करने का दावा किया है। पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। डीसीपी साउथ अंकित चौहान ने मंगलवार को बताया कि गिरफ्तार किए गए 11 लोगों में से पांच लोग बांग्लादेशी नागरिक हैं, जबकि 6 लोग फर्जी तरीके से दस्तावेज बनाने वाले रैकेट से जुड़े हैं। दिल्ली पुलिस ने राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की पहचान करने के लिए खास ऑपरेशन शुरू किया है।

अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी संगम विहार और गिरोह के गुर्गे रोहिणी इलाके से पकड़े गए हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से 6 लैपटॉप, 6 मोबाइल फोन, आधार कार्ड मशीन, रिकॉर्ड रजिस्टर और विभिन्न दस्तावेज, 25 आधार कार्ड, 4 मतदाता पहचान पत्र और 8 पैन कार्ड बांग्लादेशी नागरिकों के होने का शक है। पुलिस ने बताया कि रैकेट से जुड़े आरोपी रोहिणी में कार्यालय बनाकर गिरोह चल रहे थे और दुकान, मिस्त्री, ब्यूटी पार्लर वगैरह का काम करते थे।

हत्या की जांच से खुला रैकेट का राज

दिल्ली पुलिस ने बताया कि नवंबर महीने में आपसी रंजिश में भारत के ही शिंटू शेख की हत्या की जांच में इस गिरोह का खुलासा हुआ। शिंटू ने ही आरोपियों को अवैध तरीके से दिल्ली पहुंचाया था, बाद में पैसे के विवाद में उसकी हत्या कर दी गई।

पुलिस ने बताया कि रैकेट से जुड़े लोग बांग्लादेशी नागरिकों को जंगल के रास्ते से भारत में प्रवेश कराकर बाइक और स्थानीय परिवहन का इस्तेमाल करने के बाद ट्रेन से दिल्ली लाते थे। इसके अलावा वह उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में भी रहने लगते थे।

इसके बाद दिल्ली में रजत मिश्रा नामक शख्स उनका फर्जी कागजात बनाता था, वह फर्जी वेबसाइट बनाकर जरूरी जानकारी लेकर कागजात बनाता था। अब तक 21 लोगों के आधार कार्ड सीज कर 6 पैन कार्ड और वोटर कार्ड बरामद किए जा चुके हैं।

अक्टूबर में हुई थी शिंटू शेख की हत्या

पुलिस अधिकारी ने बताया कि 20 अक्टूबर 2024 को रात में लगभग 12 बजे एक महिला संगम विहार पुलिस थाने में जाकर पुलिस को बताया कि उसका पति शिंटू शेख उर्फ ​​राजा उनके घर पर बेहोश पड़ा है। इस सूचना पर 21 अक्टूबर 2024 को संगम विहार थाने में हत्या की एफआईआर दर्ज की गई थी। जांच के बाद संगम विहार पुलिस में बीएनएस की धारा 103 (1) के तहत एक मामला और 8 नवंबर 2024 को दर्ज किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की एक टीम बनाकर मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया।

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बांग्लादेशी नागरिकों ने ही ली थी शिंटू की जान

इस हत्याकांड की जांच के दौरान चार बांग्लादेशी नागरिक- मिदुल मियां उर्फ ​​आकाश अहमद, फरदीन अहमद उर्फ ​​अभि अहमद और दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। हत्या के पीछे का मकसद यह पता चला कि मृतक शिंटू शेख उर्फ ​​राजा उन्हें किसी न किसी बहाने से धमकाता रहता था। चारों आरोपियों ने शिंटू शेख की हत्या की योजना एक महीने पहले ही बना ली थी और योजना के अनुसार उन्होंने गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी, साथ ही उसकी नकदी और सामान भी लूट लिया, जो जांच के दौरान बरामद किया गया।

पुलिस की पूछताछ में पता चला कि चारों आरोपी अवैध रूप से भारत में घुसे थे और पिछले एक साल से दिल्ली के संगम विहार इलाके में फर्जी भारतीय पहचान पत्र खरीदकर रह रहे थे। पूछताछ के दौरान, उन सभी ने अपने बांग्लादेशी पहचान पत्र (चिप आधारित एनआईडी कार्ड) या जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए।

इसके अलावा, शिंटू शेख के घर से 21 आधार कार्ड, 4 वोटर आईडी कार्ड और 8 पैन कार्ड बरामद किए गए, जो बांग्लादेशी नागरिकों के होने का शक है। इसके बाद पुलिस की जांच फर्जी भारतीय दस्तावेज बनाने, अवैध घुसपैठ को सुविधाजनक बनाने वाले रूटों और तंत्रों में लिप्त गिरोह की ओर बढ़ी।

3 अहम बिंदुओं पर पुलिस की पूरी जांच फोकस का टिका रहा

1. फर्जी भारतीय दस्तावेज बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाले तरीके।

2. अवैध घुसपैठ को सुविधाजनक बनाने वाले रूट और तंत्र।

3. बरामद वोटर आईडी कार्ड के संबंध में जांच और पहचान।

कैसे चल रहा था फर्जी दस्तावेजों का रैकेट

1. आरोपियों ने अपने आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज तैयार करने के लिए फर्जी आईडी का इस्तेमाल किया। इस संबंध में थाना संगम विहार में 6 दिसंबर 2024 को बीएनएस की धारा 318(2)/319(2)/337/61(1ए) बीएनएस और 34 आधार एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

2. जांच में पता चला कि आरोपियों ने अपने आधार कार्ड दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-5 स्थित ‘पूनम ऑनलाइन कंप्यूटर सेंटर’ से बनवाए थे, जिसका मालिक 26 वर्षीय साहिल सहगल है।

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3. साहिल सहगल को गिरफ्तार किया गया और पूछताछ में पता चला कि मृतक शिंटू शेख उर्फ ​​राजा के माध्यम से अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों ने उससे संपर्क किया था। साहिल ने फर्जी वेबसाइट ‘जनताप्रिंट्स.साइट’ का इस्तेमाल कर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए और उन्हें आधार कार्ड प्रोसेसिंग के लिए अपने सहयोगी रंजीत को भेजे थे।

4. रोहिणी सेक्टर 7 के नाहरपुर गांव वाला 30 वर्षीय रंजीत रोहिणी सेक्टर-5 के कर्नाटक बैंक में अधिकृत आधार ऑपरेटर अफरोज के साथ काम करता था। फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल करके बवाना की जेजे कॉलोनी निवासी 25 वर्षीय अफरोज ने आधार कार्ड बनाने में मदद की।

5. रंजीत और अफरोज दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में पता चला कि ‘जनताप्रिंट्स.साइट’ पर जन्म प्रमाण पत्र, मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, कोविड प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र सहित फर्जी दस्तावेज मामूली कीमतों पर बनाए जा रहे थे।

6. इन दस्तावेजों के लिए 28 वर्षीय मोहम्मद चांद के नाम से रजिस्टर्ड एक नंबर से जुड़े पेटीएम क्यूआर कोड के जरिये भुगतान किया गया था। टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर दिल्ली के उत्तम नगर के पास विकास नगर में रहने वाले मोहम्मद चांद गिरफ्तार किया गया। उसने अपना 2% कमीशन रखने और बाकी रकम विकास नगर 33 वर्षीय सद्दाम हुसैन को ट्रांसफर करने की बात कबूल की।

7. सद्दाम हुसैन की गिरफ्तारी से पता चला कि ‘जनताप्रिंट्स.साइट’ उसका सहयोगी दीपक मिश्रा उर्फ ​​रजत चलाता था। सद्दाम 2% हिस्सा अपने पास रखकर बाकी रकम दीपक मिश्रा को ट्रांसफर कर देता था।

8. पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने शुरू में अपनी उम्र 18 साल से कम दिखाते हुए आधार कार्ड बनवाए थे, क्योंकि दिल्ली में कई केंद्रों पर ऐसे कार्ड बनाना आसान था। 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए कार्ड बनाना दिल्ली में सिर्फ चार केंद्रों तक सीमित था।

9. टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर दिल्ली के विकास नगर निवासी 34 वर्षीय दीपक मिश्रा को अंबाला से पकड़ा गया तथा बाद में निरंतर पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसने खुलासा किया कि उसके बहनोई सोनू कुमार ने ‘जनताप्रिंट्स.साइट’ बनाई है।

10. पुलिस ने नोएडा सेक्टर 55 में रहने वाले 31 वर्षीय सोनू कुमार को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में उसने यूट्यूब के माध्यम से फर्जी वेबसाइट बनाने का तरीका सीखने की बात स्वीकार की। उसने पहले भी फर्जी पहचान पत्र बनाने के लिए ‘पोर्टलवाले.कॉम’ (Portalwale.com) और ‘पोर्टलवाले.ऑनलाइन’ (Portalwale.online) बनाए थे। वह नोएडा में एक साइबर कैफे चलाता है।

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बांग्लादेश से ऐसे पहुंचाया जाता था दिल्ली

दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ के रास्ते का पता लगाया गया। ये लोग जंगल के रास्तों से होते हुए भारत में दाखिल हुए और उन्हें बाइक के जरिये नजदीकी शहर में ले जाया गया। जहां से उन्होंने दिल्ली के लिए एक्सप्रेस ट्रेनें लीं। उन्हें नकली आधार कार्ड, अस्थायी सिम कार्ड और यात्रा खर्च के लिए नकदी उपलब्ध कराई गई थी।

शिंटू शेख के घर से मिले थे बांग्लादेशी नागरिकों के चार वोटर कार्ड

दिल्ली पुलिस ने बताया कि, मृतक शिंटू शेख के घर से बांग्लादेशी नागरिकों के चार वोटर कार्ड बरामद किए गए। इसके बाद पुलिस द्वारा उन चारों को खोजने की कोशिश की गई और बरेली से एक महिला का पता लगाया गया। जांच में पता चला कि शिंंटू शेख के पते पर आधार का इस्तेमाल करके उसका वोटर आईडी जारी किया गया था। उसने कबूल किया कि शिंटू ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके उसके आधार और वोटर कार्ड बनवाने में मदद की थी।

पुलिस ने पूछताछ के दौरान महिला से उसकी बांग्लादेशी पहचान बताने को कहा। इसके बाद ढाका सिटी कॉरपोरेशन द्वारा जारी उसका बांग्लादेशी जन्म प्रमाण पत्र उसके फोन से बरामद किया गया। उसके माता-पिता के बांग्लादेशी राष्ट्रीय पहचान पत्र भी बरामद किए गए।

शिंटू हत्याकांड में शामिल चार बांग्लादेशी गिरफ्तार

1. मिदुल मियां (26 वर्ष) पुत्र शिंटू मियां निवासी संगम विहार, दिल्ली। स्थायी पता: – पश्चिमपुरा, हसनाबाद, ढाका, बांग्लादेश

2. एक 20 वर्षीय महिला पत्नी मिदुल मिया निवासी संगम विहार, नई दिल्ली। स्थायी पता: – अजीम मार्केट, ढाका बांग्लादेश

3. फरदीन अहमद (24 वर्ष) पुत्र टीटू अहमद निवासी संगम विहार, नई दिल्ली। स्थायी पता: – अजीम मार्केट, ढाका बांग्लादेश

4. एक 24 वर्षीय महिला पत्नी फरदीन अहमद निवासी संगम विहार, नई दिल्ली। स्थायी पता: – अजीम मार्केट, ढाका बांग्लादेश