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वनाधिकार कानून के नाम पर भ्रमित मत करो साहब, राजनैतिक इच्छाशक्ति दिखाते हुए डिसफॉरेस्ट करने की प्रक्रिया शुरू करो : डा कैलाश पाण्डेय

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राजू अनेजा, लाल कुआं। बिंदुखत्ता को राजस्व गांव का दर्जा देने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने की मांग पर 7 जून को बिंदुखत्ता संघर्ष समिति द्वारा लालकुआं में आहूत संयुक्त एकता रैली में भाकपा माले समर्थन करती है और इस रैली में पूरी ताकत से शामिल होगी और पार्टी सभी बिंदुखत्ता वासियों से हजारों की संख्या में इस रैली में शामिल होने की अपील करती है। भाकपा माले के नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने एक प्रेस बयान जारी कर यह बात कही।

उन्होंने कहा कि, “अपने अधिकारों के लिए एकताबद्ध संघर्ष बिंदुखत्ता की पहचान रही है, यहां की जनता ने अपना अस्तित्व संघर्ष के बल पर कायम किया है, और संघर्ष के जरिए ही सुविधाएं हासिल की हैं और जन संघर्ष के जरिए ही राजस्व गांव की लड़ाई भी जीती जायेगी। इसके लिए बिंदुखत्ता की जनता एकताबद्ध होकर एक बार फिर कमर कस रही है, जो स्वागत योग्य है।”

उन्होंने कहा कि, “भाजपा सरकार और स्थानीय विधायक वनाधिकार कानून 2006 के जरिए राजस्व गांव बनाने के नाम पर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। जबकि वनाधिकर कानून स्पष्ट रूप से 13 दिसंबर 2005 से पहले 75 साल या तीन पीढ़ी से लगातार वन भूमि पर रह रहे वनों पर आश्रित आदिवासी, अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन वासियों पर लागू होता है। इसलिए विधायक और भाजपा सरकार को वनाधिकार कानून नहीं बल्कि राजनैतिक इच्छाशक्ति दिखाते हुए राज्य की विधानसभा से यहां की वन भूमि को डिसफॉरेस्ट करने का प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार को भेजने का काम प्राथमिकता से करना चाहिए। इसी से राजस्व गांव का मार्ग प्रशस्त होगा।”

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