हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से दे ही दिया इस्तीफा, बीजेपी में हो सकते हैं शामिल

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मार्च में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात को लेकर इलेक्शन मोड में आ गए थे.

अब जब गुजरात (Gujarat) विधानसभा चुनाव में छह महीने रह गए हैं तो समग्र भाजपा आलाकमान इलेक्शन मोड में आ चुका है. इसके ठीक उलट कांग्रेस पार्टी न सिर्फ नेतृत्व को लेकर असमंजस में है, बल्कि लगातार साथ छोड़ रहे नेता भी उसके लिए समस्याएं बढ़ा रहे हैं. पिछले दिनों ही कांग्रेस के आदिवासी नेता रहे विधायक अश्विन कोतवाल ने बीजेपी का दामन थामा है. आंकड़ों की भाषा में बात करें तो अब तक कुल 13 ऐसे विधायक या पूर्व विधायक हैं, जो कांग्रेस का हाथ छोड़कर कमल का फूल थाम चुके हैं. पार्टी सूत्रों की मानें तो यह सिलसिला अभी थमने वाला नहीं. 7 से 8 कांग्रेस के विधायक एवं पूर्व विधायक चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो सकते हैं.

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हार्दिक ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया, बीजेपी की नजर
बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो पार्टी नेतृत्व हार्दिक पटेल को भी अपने पाले में लाने की जुगत में है. गौरतलब है कि हार्दिक पटेल ने कुछ ही दिन पहले सोशल मीडिया बायो से कांग्रेस का नाम हटाया था. अब बुधवार को उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि भाजपा हार्दिक पटेल को विधानसभा चुनाव से ऐन पहले अपने खेमे में शामिल करेगी. प्रदेश भाजपा के दिग्गज नेताओं की मानें तो नितिन पटेल के मंत्री पद से हटने के बाद भाजपा को एक मजबूत पाटीदार नेता की जरूरत है. खासतौर पर उत्तर गुजरात में हार्दिक पटेल बीजेपी के लिए बिल्कुल फिट हैं. बड़ी संख्या में पाटीदार समुदाय के लोग हार्दिक को पसंद करते हैं.

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मेवानी को भी घेरने की रणनीति
हार्दिक पटेल को बीजेपी के पाले में लाने की रणनीति के बीज भाजपा ने जिग्नेश मेवानी को भी घेरने की तैयारी कर ली है. कांग्रेस के पूर्व विधायक मणिलाल वाघेला को उनके मुकाबले उतारा जा सकता है, जो बीते महीने ही भाजपा में शामिल हुए हैं. गुजरात में भाजपा इस बार आदिवासी क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है. राज्य में कुल 27 सीटें आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित हैं. कांग्रेस को इन सीटों पर पिछली बार बड़ी सफलता मिली थी. इस बार भाजपा का प्लान है कि यदि उसे शहरी इलाकों में कोई नुकसान होता भी है तो उसकी भरपाई इन इलाकों से हो सके. गौरतलब है कि 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में 2017 में कांग्रेस को 77 पर जीत मिली थी, जबकि भाजपा के 99 विधायक ही जीत पाए थे. यह अलग बात है कि कांग्रेस में समय-समय पर टूट इतनी ज्यादा हुई कि अब उसके 67 विधायक ही बचें हैं, जबकि भाजपा के विधायकों की संख्या 111 हो गई है.