पति-पत्नी हर बार खरीदते थे लग्जरी कार, सस्ते दामों में बेचकर करते थे खूब ऐश, ट्रिक जान दंग रह गई पुलिस

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नोएडा से हैरान करने वाली खबर सामने आई है. यहां पति-पत्नी हर बार लग्जरी कार खरीदते थे और उन्हें सस्ते दामों में बेचकर मुनाफा कमा लेते थे. रुपयों से जमकर ऐश करते थे.

उनकी शिकायत मिलने पर पुलिस ने पति को गिरफ्तार कर लिया जबकि महिला अब भी फरार है. उनकी कमाई का तरीका जान पुलिस भी हैरान रह गई. फर्जीवाड़े को खुलासा तब हुआ जब पता चला कि दंपति का दिखाया हुआ मैसेज फर्जी है. शोरूम की शिकायत पर युवक को गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में युवक ने चौकाने वाले राज बताए हैं.

चेक क्लियरेंस का फर्जी मैसेज दिखाकर शोरूम से 26 लाख रुपये की टाटा सफारी लेकर फरार होने वाले सॉफ्टवेयर कंपनी के निदेशक को फेज वन थाने की पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. इस फर्जीवाड़े में कंपनी की ओर से केस दर्ज कराया गया था, जिसमें आरोपी की पत्नी भी नामजद है. महिला की तलाश में पुलिस की दो टीमें संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं. जिस दिन दंपती ने 26 लाख रुपये का चेक इश्यू किया था उस दिन उनके खाते में महज 995 रुपये थे. कंपनी की आंतरिक ऑडिट में फर्जीवाड़े का पता चला. पूर्व में भी आरोपी इस प्रकार का अपराध कर चुका है.

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एसीपी शैव्या गोयल ने बताया कि फेज तीन थाना इलाके के क्लियो काउंटी सोसाइटी में राजदेव पत्नी कोयल देव के साथ फ्लैट लेकर रहते हैं. फ्लैट का किराया 55 हजार रुपये है. दोनों सेक्टर-63 में डेवेक्स नाम की एक सॉफ्टवेयर कंपनी चलाते हैं. दंपती ने बीते साल दस अगस्त को सेक्टर पांच स्थित सागर मोटर्स से 11 हजार रुपये देकर टाटा सफारी ऑनलाइन बुक कराई थी. दंपती ने निजी बैंक के खाते का चेक सागर मोटर्स के नाम से निर्गत किया. फर्जीवाड़े की योजना बनाकर दोनों ने तुरंत संबंधित चेक को वापस करा लिया और एक फर्जी मैसेज बनाकर सागर मोटर्स के खाते में 26 लाख रुपये का भुगतान दिखा दिया.

फर्जी भुगतान दिखाकर दंपती ने टाटा सफारी की डिलीवरी ले ली. बाद में सागर मोटर्स की जांच में पता चला कि राजदेव की तरफ से जो चेक निर्गत किया गया था वह क्लियर नहीं हुआ. आरोपियों ने जो मैसेज अपने मोबाइल में एजेंसी को दिखाया था वह भी फर्जी है. चेक क्लियरेंस के दौरान टाटा मोटर्स के बैंक अकाउंट में रूपये का भुगतान कुछ समय के लिए प्रदर्शित हुआ था. इसका फायदा उठाकर आरोपी ने सफारी की डिलीवरी ले ली. हालांकि आरोपी के खाते से किसी भी प्रकार का कोई भुगतान सागर मोटर्स के खाते खाते में नहीं हुआ था.

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जब पूरे फर्जीवाड़े का पता कंपनी को आंतरिक रिपोर्ट में चला तब फेज वन थाने में राजदेव और उनकी पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया गया. पुलिस केस दर्ज कर आरोपी की तलाश में दबिश देने लगी. शुक्रवार को मुख्य आरोपी राजदेव पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पति के गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही पत्नी फरार हो गई. पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह पत्नी के साथ मिलकर पूर्व में भी इसी प्रकार का फर्जीवाड़ा कर चुका है.

पूर्व में दंपती राणा मोटर्स नोएडा से ग्रैंड विटारा और नजफगढ़ रोड दिल्ली गैलेक्सी टोयोटा से ओयोटा हाइलक्स कार की डिलिवरी ले चुका है. दोनों ने 22 लाख की र्गेंड विटारा और 30 लाख की टोयोटा हाईलक्स की धोखाधड़ी इसी तरह से कर चुका है. नोएडा से फर्जीवाड़ा कर खरीदी गई 26 लाख के टाटा सफारी को आरोपियों ने 12 लाख रुपये में बेच दिया है. एक डीलर के माध्यम से दिल्ली में ललित कुमार दीक्षित नामक एक शख्स को सफारी बेची थी. पुलिस का कहना है कि ये दोनों पति पत्नी इसी तरह फर्जी मैसेज के आधार पर धोखाधड़ी करते हैं और कार खरीदकर बेच देते हैं. आशंका जताई जा रही है कि इन दोनों ने कई अन्य शहरों में भी इस तरह की ठगी कर कारें खरीदी होंगी. पुलिस दोनों का आपराधिक इतिहास पता कर रही है. आरोपियों की बनाई गई कंपनी में कितने लोग काम करते हैं इसकी जानकारी उनकी ओर से अभी तक नहीं दी गई है.

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धोखाधड़ी के बाद जब एजेंसी ने आरोपी को भुगतान के लिए कहा जाता है, तो वह आरसी मिलने तक पैसे देने के लिए मौखिक और लिखित रूप से आश्वस्त करता है. जिससे कि एजेंसी आरसी निरस्त करने के लिए आरटीओ को शिकायत न करे. आरसी जारी होने के बाद वह जल्दी ही गाड़ियों को बेचकर फरार हो जाता था. पुलिस की टीम ने सहायक संभागीय विभाग से भी उन कारों के बारे में पता लगा रही है जिन्हें दोनों पति पत्नी ने फ्रॉड कर खरीदी थीं. इसके खिलाफ हिमाचल प्रदेश में भी एक मुकदमा दर्ज है. इस सुनियोजित धोखाधड़ी में दंपती के साथ कई अन्य आरोपियों के शामिल होने की भी बात कही जा रही है.