कैंची धाम में साल भर श्रद्धालुओं का तांता, एक साल में 24 लाख श्रद्धालुओं ने किए कैंची धाम के दर्शन

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नैनीताल, उत्तराखंड: प्रसिद्ध कैंची धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में कैंची धाम मेले की व्यापकता और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं तैयार करने पर जोर दिया गया।

बढ़ती भीड़ और चुनौतियां:

कैंची धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या साल दर साल तेजी से बढ़ रही है। अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक, लगभग 24 लाख श्रद्धालुओं ने कैंची धाम के दर्शन किए, जबकि पिछले वर्षों में यह संख्या करीब 8 लाख के आसपास थी। श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी तादाद से न केवल जाम की स्थिति पैदा हो रही है, बल्कि यात्रियों को तमाम दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है। नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि कैंची धाम की धारण क्षमता कम है, जबकि मेले के दौरान क्षमता से कई गुना अधिक श्रद्धालु आते हैं। इस साल ढाई लाख से तीन लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

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मुख्यमंत्री के निर्देश और आगामी योजनाएं:

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैंची धाम में व्यवस्थाओं और सुविधाओं को बेहतर करने के लिए तात्कालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

  • तात्कालिक उपाय: मेले के वर्तमान संचालन को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं: इनके जरिए स्थायी और सुदृढ़ प्रबंधन प्रणाली विकसित की जाएगी।
  • यातायात सुधार: सेनेटोरियम से भवाली पेट्रोल पंप से आगे तक करीब 3 किलोमीटर मार्ग पर चल रहे कटिंग कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि यातायात व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सके।
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डीएम नैनीताल के सुझाव:

डीएम वंदना सिंह ने बताया कि ट्रैफिक व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण के लिए एक प्लान तैयार किया गया है। उन्होंने भविष्य में कैंची धाम में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू करने और अधिकतम सीमा निर्धारित करने का सुझाव भी दिया है, ताकि यात्रियों की यात्रा सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सुगम बनाई जा सके।

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उल्लेखनीय है कि सुप्रसिद्ध कैंची धाम मेला 15 जून को शुरू होने जा रहा है, जिसके लिए प्रशासन तमाम तैयारियों में जुटा हुआ है ताकि लोगों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।