उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोर्ट के फैसले के बाद अंकिता की मां सोनी देवी की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि भले ही अदालत का यह फैसला एक बड़ी जीत है, लेकिन वह इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। उनका मानना है कि तीनों आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी, जिससे भविष्य में कोई भी इस तरह का जघन्य अपराध करने से पहले सौ बार सोचे।
मुख्य बातें:
- मां की मांग: अंकिता की मां सोनी देवी ने कहा, “फांसी मिलती, तभी मिलती सच्ची शांति।” उन्होंने अपनी बेटी के हत्यारों के लिए फांसी की सजा की मांग दोहराई है।
- कोर्ट का फैसला: कोटद्वार की सिविल कोर्ट ने रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को अंकिता की हत्या और शव छिपाने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
- परिजनों की असंतुष्टि: अंकिता के माता-पिता कोर्ट के इस फैसले से असंतुष्ट हैं और उन्होंने हाईकोर्ट में अपील कर दोषियों को फांसी की सजा दिलाने की बात कही है।
- मामले की पृष्ठभूमि: अंकिता भंडारी (19) पौड़ी जिले के यमकेश्वर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थी। 18 सितंबर 2022 को उसकी हत्या कर दी गई थी और उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया था। जांच में सामने आया था कि रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य अंकिता पर “स्पेशल सर्विस” (अनिवार्य वेश्यावृत्ति) के लिए दबाव बना रहा था, जिसका विरोध करने पर उसने अपने दो कर्मचारियों के साथ मिलकर अंकिता की हत्या कर दी।
- जन आंदोलन: अंकिता हत्याकांड ने उत्तराखंड में भारी आक्रोश पैदा किया था और न्याय की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे।
- आगे की लड़ाई: सोनी देवी ने कहा है कि उन्हें अभी लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी है ताकि हत्यारों को फांसी की सजा मिल सके। उन्होंने इस पूरे संघर्ष में स्थानीय लोगों द्वारा दिए गए समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया है।
यह मामला लगभग दो साल आठ महीने तक अदालत में चला, जिसमें 47 गवाहों के बयान दर्ज किए गए और 500 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया गया था। इस जघन्य हत्याकांड ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था।











