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उत्तराखंड में बच्चों के प्रवेश के लिए आयु सीमा का कड़ाई से पालन होगा, नियम तोड़ने वाले स्कूलों की मान्यता होगी रद्द

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देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने स्कूलों में बच्चों के प्रवेश के लिए निर्धारित आयु सीमा का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर सख्त रुख अपनाया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत कक्षा एक में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु छह वर्ष तय की गई है, जो शैक्षणिक सत्र के 1 जुलाई से पहले पूरी होनी चाहिए।


 

क्या हैं नए नियम?

 

  • कक्षा 1: प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 6 वर्ष होनी चाहिए।
  • प्री-स्कूल कक्षाएं:
    • नर्सरी: न्यूनतम आयु 3 वर्ष
    • एलकेजी: न्यूनतम आयु 4 वर्ष
    • यूकेजी: न्यूनतम आयु 5 वर्ष

सचिव शिक्षा रविनाथ रामन ने इस संबंध में सभी अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ स्कूल नियमों का उल्लंघन कर कम उम्र के बच्चों को कक्षा एक में दाखिला दे रहे हैं, जिससे बच्चों के मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।


 

नियम तोड़ने वाले स्कूलों पर होगी कड़ी कार्रवाई

 

आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जो भी स्कूल इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनकी मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार का कहना है कि बच्चों को उनकी आयु के अनुकूल कक्षा में ही प्रवेश दिलाना अनिवार्य है और नियमों का उल्लंघन करने वाले विद्यालयों पर अब कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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