लाल कुआं- काशीपुर रेल मार्ग पर ट्रेन पलटाने की कोशिश नाकाम,गूलरभोज के पास असामाजिक तत्वों ने रेल पटरियों के साथ लगी अर्थिंग पत्तियों को खोलकर ट्रैक पर फैलाया
Lal Kuan- Kashipur railway route train overturning attempt failed, near Gularbhoj anti-social elements opened the earthing sheets attached to the railway tracks and spread them on the track
राजू अनेजा, काशीपुर। यहां एक बड़े रेल हादसे की साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया गया है। लालकुआं-काशीपुर रेलमार्ग पर असामाजिक तत्वों द्वारा रेल पटरियों के साथ की गई छेड़छाड़ से बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन सतर्कता के चलते समय रहते इसे टाल दिया गया। इस घटना ने न सिर्फ रेल महकमे में हड़कंप मचा दिया है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
रेलवे प्रशासन और जीआरपी (Government Railway Police) की मुस्तैदी से एक बड़ा अनहोनी टल गई। गूलरभोज रेलवे स्टेशन के पास हुई इस घटना को लेकर रेलवे विभाग पूरी गंभीरता से जांच में जुट गया है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन जांच एजेंसियों ने इस कृत्य को गंभीर साजिश मानते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।
📍 घटना स्थल: गूलरभोज रेलवे स्टेशन के पास
घटना लालकुआं-काशीपुर रेलखंड के अंतर्गत गूलरभोज रेलवे स्टेशन से लगभग 300 मीटर की दूरी पर पोल संख्या 38 और ठंडी नाला के बीच की बताई जा रही है। यहां असामाजिक तत्वों ने रेल पटरियों के साथ लगी अर्थिंग पत्तियों को खोल दिया और उन्हें ट्रैक पर फैला दिया। इस हरकत का उद्देश्य रेलगाड़ियों के संचालन में बाधा पहुंचाना और संभवतः उन्हें पटरी से उतारना हो सकता था।
रेलवे टेक्निकल टीम और जीआरपी की प्राथमिक जांच में सामने आया कि अगर इस ट्रैक पर कोई ट्रेन गुजरती, तो उसकी चपेट में आकर एक बड़ा रेल हादसा हो सकता था।
🚆 रेलवे ने सुरक्षा के लिए उठाए कदम
इस घटना के बाद रेलवे ने सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। क्षेत्र में अतिरिक्त पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। रेलवे स्टाफ को अलर्ट पर रखा गया है और सभी रेलवे स्टेशन मास्टर को ट्रैक की नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा, रेलवे सुरक्षा बल को संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने और अंधेरे में काम कर रहे असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखने के आदेश दिए गए हैं।
🗣️ स्थानीय लोगों में दहशत
घटना के बाद गूलरभोज और आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होती, तो कई जिंदगियां खत्म हो सकती थीं। कुछ ग्रामीणों ने मांग की है कि रेलवे फेंसिंग और सुरक्षा की व्यवस्था को और मजबूत किया जाए।
रेल प्रशासन ने ली राहत की सांस
रेल अधिकारियों ने राहत की सांस ली है कि इस साजिश का समय रहते भंडाफोड़ हो गया, जिससे एक बड़ी दुर्घटना को टालना संभव हुआ। रेलवे प्रशासन ने यह भी कहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए रेलवे ट्रैकों की निगरानी तकनीक से की जाएगी और CCTV निगरानी का दायरा भी बढ़ाया जाएगा।
निष्कर्ष
उत्तराखंड के लालकुआं-काशीपुर रेलमार्ग पर गूलरभोज स्टेशन के पास हुई यह घटना बेहद गंभीर और चिंताजनक है। रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़ एक घातक अपराध है, जिससे हजारों यात्रियों की जान जोखिम में पड़ सकती है। इस तरह की घटनाएं न केवल रेलवे प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की भी मांग करती हैं।
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