उत्तराखंड बोर्ड के प्रश्नपत्रों में बड़ा बदलाव: अब रटने पर नहीं, समझने पर जोर

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रामनगर: उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के पारंपरिक प्रश्नपत्रों में अब एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। बोर्ड ने छात्र-छात्राओं की बौद्धिक एवं तार्किक क्षमता को विकसित करने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत प्रश्नपत्रों के डिजाइन में संशोधन किया है।

इस बदलाव के बाद अभ्यर्थी किसी पाठ्य सामग्री को रटने के बजाय उसे समझकर और विश्लेषण करके प्रश्नों को हल कर सकेंगे। इसके लिए बुधवार को बोर्ड सभागार में राज्य के विभिन्न स्थानों से आए विषय विशेषज्ञों ने प्रश्नपत्रों के डिजाइन और ब्लूप्रिंट को अंतिम रूप दिया।

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प्रश्नपत्रों में क्या बदलेगा?

 

देश के सभी बोर्ड्स में समानता लाने और प्रश्नपत्रों को एक समान करने की कवायद के तहत ये परिवर्तन किए जा रहे हैं। बोर्ड सचिव विनोद कुमार सिमल्टी ने इस बदलाव को लेकर चर्चा की।

नए प्रश्नपत्रों की मुख्य विशेषताएँ ये होंगी:

  • बढ़ेगी बहुविकल्पीय प्रश्नों की संख्या।
  • दक्षता आधारित प्रश्न (Competency-Based Questions) शामिल होंगे।
  • कथन-कारण प्रकार के प्रश्न (Assertion-Reason) जोड़े जाएँगे।
  • केस स्टडी प्रकार के प्रश्न (Case Study) शामिल किए जाएँगे।
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नए डिजाइन के प्रश्नपत्र छात्रों को प्रश्नों को सोचने, समझने और विश्लेषण करने के लिए मजबूर करेंगे, जिससे उनकी रटने की प्रवृत्ति कम होगी। कार्यशाला के बाद अब मॉडल प्रश्नपत्र तैयार किए जाएँगे।


 

किन विषयों में होगा बदलाव?

 

इस बदलाव पर मंथन के लिए कार्यशाला में हाईस्कूल में 7 विषयों के 14 और इंटर में 13 विषयों के 26 विषय विशेषज्ञ शामिल हुए।

  • हाईस्कूल (7 विषय): हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, विज्ञान, सामान्य ज्ञान, और गृह विज्ञान।
  • इंटरमीडिएट (13 विषय): हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र, गृह विज्ञान, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, और गणित।
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शोध अधिकारी डॉ. नंदन सिंह बिष्ट के संचालन में हुई इस कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ मनोज पाठक, कमल जोशी, सोनम शर्मा, और मनीष सुयाल ने अपने विचार रखे।

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