चंपावत: उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ मां पूर्णागिरि मेले का रविवार शाम को विधिवत समापन हो गया है। तीन माह तक चले इस प्रसिद्ध मेले के समापन अवसर पर चंपावत के जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। मां पूर्णागिरि के दर्शन करने के बाद, डीएम पांडे ने ठुलीगाड़ समापन स्थल पर पहुँचकर मेला अवधि के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों और कार्मिकों को सम्मानित किया।
मेला संचालन में सभी का रहा अहम योगदान
इस वर्ष 15 मार्च से शुरू हुआ और तीन माह तक चला उत्तर भारत का यह सुप्रसिद्ध मेला रविवार शाम को संपन्न हुआ। मेले के समापन पर जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने मेले के दौरान कार्यरत विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों, सुरक्षा कर्मियों, पर्यावरण मित्रों और मंदिर समिति के पदाधिकारियों सहित सभी का सम्मान किया। उन्होंने कहा कि मां पूर्णागिरि मेला 2025 को बेहतर और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने में सभी का विशेष सहयोग रहा। डीएम ने सभी को शुभकामनाएं और धन्यवाद देते हुए उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने जोर दिया कि कठिन परिस्थितियों में भी सभी ने बेहतर कार्य करके मेले को सफलतापूर्वक संपन्न कराया। उत्कृष्ट कार्य के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों और मंदिर समिति के पदाधिकारियों को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं से मिलेगी बेहतर सुविधाएं
जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में बताया कि मुख्यमंत्री धामी द्वारा मां पूर्णागिरि मेले के बेहतर आयोजन और मेला क्षेत्र में विभिन्न सुविधाएं मुहैया कराए जाने हेतु कई घोषणाएं की गई हैं। इन घोषणाओं के तहत अनेक कार्य प्रगति पर हैं, जिससे आने वाले वर्षों में देश के विभिन्न स्थानों से आने वाले श्रद्धालुओं को और भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न स्थानों पर सुविधा केंद्रों का निर्माण, पेयजल, विद्युत, स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही हेलीपैड निर्माण के क्षेत्र में भी कार्रवाई जारी है। इसके अलावा, मेला क्षेत्र में पार्किंग निर्माण, संचार सुविधा और पूर्णागिरि मंदिर क्षेत्र में विभिन्न बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने हेतु एक मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।
वर्षभर संचालित होगा मेला, 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
डीएम ने यह भी बताया कि मां पूर्णागिरि मेले को वर्ष भर संचालित करने हेतु मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप कार्रवाई भी प्रगति पर है। उत्तर भारत के इस सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ पूर्णागिरि धाम में आस्था और भक्ति के इस अद्भुत संगम में मेला प्रारंभ होने से समापन अवधि तक 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मां पूर्णागिरि के दर्शन किए, जो मेले की लोकप्रियता और धार्मिक महत्व को दर्शाता है।
आपकी राय में, पूर्णागिरि मेले को वर्ष भर संचालित करने का निर्णय क्षेत्र के पर्यटन और अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव डालेगा?
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